00 ‘यहां शराब पीना सख्त मना है’ का वाक्य लोगों को बहकाने तक ही सीमित
कोरिया / जिले भर के छोटे – बड़े ढाबे शाम के वक्त बार का रूप ले लेते हैं। ढावों से शराब का बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार किया जाता है। जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के नाक के नीचे स्थित तमाम ऐसे ढावा एवं होटल हैं। जहां शाम ढलते ही जाम छलकने लगते हैं। मयखानों में बदल चुके ढावों के खिलाफ यदा-कदा कार्यवाही की तो जाती है पर वो सब दिखावे के लिए, दूसरे ही दिन स्थिति जस से तस दिखाई पड़ती है। दरअसल आबकारी विभाग तथा पुलिस को हर माह नजराना पेश किया जाता है जिससे पुलिस एवं आबकारी विभाग ढाबा संचालकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करता।
हम बात समूचे कोरिया जिले की कर रहे है जहाँ होटल व ढाबे मयखाने बनते जा रहे हैं। ‘यहां शराब पीना सख्त मना है’ का वाक्य सिर्फ लोगों को बहकाने तक ही सीमित है। लेकिन इसकी इसकी हकीकत कुछ और ही है। शाम होते ही छलकते जाम, लोगों की तू-तू, मैं-मैं, विवाद और इसके बाद अंजाम दी जाती वारदातें इनकी हकीकत को बेपर्दा करती हैं।
लेट नाइट बिक रही है शराब, ढाबे और हाेटलों तक अवैध सप्लाई – जिले में रात 10 बजे के बाद देर तक शराब बेची जा रही है। दुकानदार टाइम के बाद अलग कमरों या करीब के ढाबों में रख शराब बेच रहे हैं। इतना ही नहीं, बेबाकी से बोल भी रहे हैं कि गोरखधंधे की मोटी कमाई का हिस्सा अधिकारियों तक पहुंचाया जा रहा है।
आसानी से ढाबों में मिल रही शराब – कई ढाबों और होटलों में आधी रात को आसानी से शराब मिल रही है। खासकर बैकुण्ठपुर से मनेन्द्रगढ़ और चिरिमिरी पर बड़े पैमाने पर सप्लाई हो रही है। बदले में 30 से 40 रुपए तक ज्यादा वसूली की जा रही है। न आबकारी अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं, न ही पुलिस नियमों का पालन करवा रही है। कहीं तो थानों व चौकियों से पांच सौ मीटर की दूरी पर लेटनाइट शराब बिक रही है। बिक्री का समय तय होने के बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रदेशभर में शराब नीति लागू करने वाले मुख्यालय पर ही ये हाल है। हाइवे से डेढ़ सौ मीटर दूर शराब की दुकान खाेलने के नियम भी नहीं मान रहे हैं। सरकार को राजस्व हानि हो रही है तो शराब माफिया को भी शह मिल रही है।
अवैध शराब के धंधे पर पुलिस भी सुस्त – शराब पिलाने हाेटलों में बनाए स्पेशल कमरे, देर रात परोसी जाती है शराब होटल संचालकों ने शराब पिलाने के लिए स्पेशल कमरे बना रखे हैं। देर रात शराब के शौकीनों को भरोसा दिलाया जाता है कि पुलिस कार्रवाई नहीं होगी। खुद ढाबों के दुकानदारों ने अपनी दुकानों के पास कमरे बना दिए हैं। 8 बजे बाद गैरकानूनी मयखानों में लोगों को बैठा कर मस्ती से शराब परोसी जा रही है। दुकानें, होटल और ढाबे रसूखदारों के होने से अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
आबकारी-पुलिस को सब पता, मिलीभगत के कारण चुप – अधिकारियों व पुलिस को रात में ढाबे और हाेटलों में शराब बेचे जाने का पता है, लेकिन मिलीभगत के कारण चुप है। ऐसा शहर के कई लोगों का कहना है। लोगों ने सवाल उठाए हैं कि जिम्मेदारों को सब पता है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं।
