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डॉ शर्मा ने सभी आरोपों को नकारा, प्रेसवार्ता में अन्य कई बातों का किया खुलासा, ADM के विरुद्ध थाने में की शिकायत – कार्यवाही की मांग

कोरिया / कुछ दिनो से काफी चर्चित मामले में एक बार फिर नया मोड़ सामने आया है, जहाँ पर डॉ राकेश शर्मा ने प्रेसवार्ता कर अपने और अपने निजी अस्पताल पर लगे सारे आरोपो को बेबुनियाद बताया हैं।

बता दे कि जिला मुख्यालय बैकुंठपुर शर्मा नर्सिंग होम में एक युवक की मौत हो गयी थी जिसके कोरोना पॉजिटीव होने की बात सामने आ रही है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निजी नर्सिंग होम संचालक को इस मामले में कारण बताओं नोटिस जारी करने के 3 घंटे बाद ही कलेक्टर कोरिया ने मामले को लेकर दण्डाधिकारी जांच के आदेश दिये थे। जांच अधिकारी को तीन माह में जॉच पूरा कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था पर मामले के दूसरे ही दिन 12 बजे जांच अधिकारी औचक जांच में ‘निजी नर्सिग होम पहुंच गए, जिसके बाद काफी गहमागहमी के बाद एक रजिस्टर की फोटोकॉपी लेकर वो रवाना हो गए।

गौरतलब हो कि जूनापारा निवासी सुनील तिवारी का गत दिवस शहर के निजी शर्मा नर्सिग होम में उपचार के दौरान मौत हो गया था, युवक की मौत पर यह संदेह उठाया गया कि युवक कोरोना पॉजिटव था और जिस निजी नर्सिंग होम में युवक का उपचार किया जा रहा था उसे शासन द्वारा कोरोना संक्रमितों के उपचार करने के लिए अनुमति प्रदान नही की गयी है। युवक के मौत के मामले में सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा ने शर्मा नर्सिंग होम संचालक के विरूद्ध 9 मई को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। आरोप पत्र में उल्लेखित किया गया था कि निजी नर्सिंग होम संचालक द्वारा नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करने पर धारा 136 आइपीसी का अपराध करने, आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने तथा सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन करने के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा गया। 5 बजे शाम जारी आदेश के बाद रात 8 बजे कलेक्टर कोरिया सत्य नारायण राठौर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी कर दिए थे ।

शर्मा नर्सिंग होम के संचालक ने प्रेसवार्ता आयोजित कर व प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि जिला प्रशासन बदनियती से उनके खिलाफ कार्यवाही कर रहा है। मृतक के परिजनों द्वारा मरीज के कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव होने की बात कही थी। जिस कारण मरीज को भर्ती कर उपचार शुरू किया गया। मरीज के डायग्नोस्टिस से निमोनिया के लक्षण प्रकट हुए थे और उपचार शुरू किया गया था और इसी बीच युवक की 9 मई को मौत हो गई। सीएमएचओं द्वारा नोटिस मिलने के बाद एसडीएम बैकुंठपुर मरीज के इलाज से संबंधित संपूर्ण कापी ले गये और 11 मई को एडीएम कोरिया मेरे अस्पताल आकर मेरे व मेरे पुत्र के साथ गाली गलौज कर मेरे साथ अभद्र व्यवहार करते हुए महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट ज़बरन छिनकर पास रख लिये और जब मीडिया पहुंची तो वापस कर दिये। इस दौरान उन्होनें बताया कि कलेक्टर के आदेश पर दण्डाधिकरी जांच कर रहे हैं।
शर्मा नर्सिंग होम में युवक की मौत के मामले में प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मरीज कोरोना पॉजिटीव था, यदि हॉ तो टेस्ट शासन कर रहा है और मरीज पॉजिटीव आया तो सीएमएचओ तथा उनके विभाग द्वारा क्या किया गया। मरीज को मेरे अस्पताल क्यों आने दिया गया। उसे टेस्ट टीम द्वारा कोविड केयर हास्पिटल क्यों भर्ती नही किया गया। जिला प्रशासन किस प्रोटोकाल के तहत कार्य कर रहा है। मुझे कारण बताओ नोटिस देने के बाद जवाब दिये जाने से पहले ही दण्डाधिकारी जॉच के आदेश क्यों दी गयी। उन्होने यह भी सवाल उठाया कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के लापरवाही से चिरमिरी, चरचा मनेंद्रगढ़ सहित जिले में अनगिनत कोविड मरीजों की मृत्यु हुई है क्या उन सभी मौतों पर दण्डाधिकारी जांच के आदेश दिये गये है। 29 अप्रैल को मनेंद्रगढ़ निवासी मरीज सविता पाण्डेय जो कि कोविड अस्पताल बैकुंठपुर में भर्ती थी उनके इलाज में लापरवाही के कारण उनकी बेटी द्वारा बार बार डॉक्टर से निवेदन करने पर भी जब कोई ध्यान नहीं दिया गया तब उनकी बेटी को अस्पताल के कांच का दरवाजा तोडना पडा, अगले दिन मरीज की मृत्यु हो गयी। क्या इस मामले में दण्डाधिकारी जांच नही होनी चाहिए। मुझ पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप के आधार क्या है मैने किस शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किया। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होनें सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे टारगेट कर कार्यवाही की जा रही है। सीएमएचओ द्वारा मुझे बार बार अपने हास्पिटल में अनुमति लेकर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करने की बात कही जाती रही है, जिसमें शासन से इलाज में मिलने वाली राशि में आधा आधा हिस्सा बांटने का दबाव डाल रहे थे। इस प्रस्ताव को मेरे द्वारा इंकार कर दिया गया था। वही दूसरा गंभीर सवाल यह कि भू माफिया तथा उसके सहयोगी भागीदार प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर नियम विरूद्ध ढंग से जेल विभाग की भूमि को भू माफियाओं को दिये जाने के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के लिए मेरे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी। जिसका निर्णय गत 7 मई को पारित हुआ, इसके दो दिन बाद प्रशासनिक अधिकारी याचिका का बदला लेने के लिए मेरे विरुद्ध षडयंत्र रचकर कार्यवाही शुरू किये हैं।

परिजनों का कथन……….

आयोजित प्रेसवार्ता में हैरान करने वाली बात तो यह रही कि इस प्रेसवार्ता में मृतक के परिजन जो उन्हें निजी नर्सिंग होम लाए थे वे बहन भी शामिल हुई और सभी ने बताया कि मृतक को जब निजी नर्सिंग होम में लाया गया था तब उन्हें कोविड नही था, निजी नर्सिंग होम में लाए जाने के बाद डॉक्टरों ने उनसे पूछा था कि क्या इन्हें कोविड हैं तब उन्होंने यही बताया था कि इन्हें कोविड नही हैं। मृतक के परिवार ने यह भी बताया कि मामले को लेकर कोई भी शिकायत कही नही की गई। उनका कहना है कि मृतक की मौत सम्मान्य मौत है।

थाने में हुई शिकायत……..
जबरन दस्तावेजों को रखने और धमकी जैसे शब्दों को कह कर जैसे कलेक्ट्रेड आकर ले जाना ज्यादा बात करोगे तो मैं तुम्हारा हॉस्पिटल अभी सील कर दूंगा, उगली दिखाकर अपमानित करने पर अपर कलेक्टर सुखनाथ अहिरवार के खिलाफ स्थानीय सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई हैं और जांच कर उचित कार्यवाही करने की मांग भी की हैं।

खैर मामले की जांच प्रशासन की निगरानी में हो रहा हैं और जल्द ही जांच उपरांत मामले की सच्चाई सामने आ ही जाएगी।

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