Wednesday, March 19, 2025
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लॉकडाउन में आवश्यक सामग्री के खरीदी में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार का आरोप, कलेक्टर कोरिया से शिकायत

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कोरिया / जिला मुख्यालय के नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर में कोरोना काल में लागू लॉकडाउन में आवश्यक सामग्री के खरीदी के लिए शासन से 20 लाख राशि जारी की गई थी। इस राशि से सामग्री की खरीदी भी हुई। इसमें बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। तय राशि के अनुसार सामग्री की खरीदी नहीं की गई। वही 50 हजार से एक लाख के छोटे नस्ती बनाकर सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है। मामले का खुलासा आरटीआई आवेदन में हुआ है। जांच के दौरान इसमें कई अनियमितता पाई गई है।

दरअसल नगर पालिका बैकुंठपुर के निवर्तमान पार्षद संजय जायसवाल ने नपा परिषद पर बीते लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सामग्री खरीदी में भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर कोरिया से शिकायत की है।

इसमें सूचना का अधिकार अंतर्गत केवल एक मद से मिली आंशिक जानकारी को आधार बताया है। निवर्तमान पार्षद जायसवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण में आवश्यक व्यवस्था के लिए सरकार से 20 लाख राशि मिली थी, लेकिन नपा ने 6 चुनिंदा फार्म से इन सामग्रियों की खरीदी की है। जबकि लॉक डाउन के दौरान सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद थे, ऐसे में उनसे कैसे सामग्री खरीदी की गई। जबकि 90 प्रतिशत सामग्री मेडिकल स्टोर से खरीदी जा सकती थी। आगे लिखा है कि मई में 105 पीपीई कीट की खरीदी करने चार भाव से पत्र आमंत्रित किये गए थे, जिसके लिए बकायदा ठेकेदारों व सप्लायर को कार्य आदेश जारी किया गया है। पार्षद का कहना है कि ऐसी क्या वजह रही की मई महीने में ही 105 पीपीई कीट की खरीदी करने 4 भाव पत्र आमंत्रित किये गए व 4 ठेकेदार व सप्लायरों को कार्यादेश जारी किया गया। इसमें एक ही महीने में निविदा समिति ने 2 दर पर 1150 रुपए प्रति नग व 1250 प्रति नग स्वीकृत किया है, जबकि 8 भाव पत्र सूचना में सामग्री का स्पेशिफिकेसन अलग- अलग अंकित नहीं था। अप्रैल व मई 2021 में 3 अलग-अलग फर्मो से 70 जोड़ी गमबूट की खरीदी की गई है। जबकि कोरोना काल में गमबूट की ऐसी क्या आवश्यकता थी कि बन्द दुकान से आनन-फानन में सामग्री खरीदी गई, जबकि सफाई कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या 52 में से केवल 30 कर्मचारी ही नाली सफाई का कार्य करते हैं, शेष सुपरवाईजर झाडू लगाने, गौठान, गार्डन, माली इत्यादि कार्य में संलग्न है। जिनके लिए गमबूट की आवश्यकता नहीं है। पार्षद ने कहा कि यह जांच का गम्भीर विषय है कि अधिकांश कर्मचारी बिना गमबूट के ही कार्य कर रहे हैं, उन्हें गमबूट नहीं मिला है। इसलिए कर्मचारियों का सामग्री प्राप्त करने के संबंध में बयान लिया जाना नितांत आवश्यक है। आगे बताया है कि नपा ने कोरोना काल में महिला समूहों से मास्क खरीदी न करते हुए बन्द प्रतिष्ठानों से मास्क की खरीदी की है।

पार्षद ने बताया कि वार्डों में स्प्रे मशीन से सोडियम हाईप्रोक्लोराइड का छिड़काव किया जाता है, जो कि कोरोनो के प्रथम चरण में खरीदी की गई थी, व फिल्टर प्लांट में जनवरी 2021 की स्थिति में 300 लीटर उपलब्ध थी। फिल्टर प्लांट के कर्मचारियों से इस संबंध में बयान लिया जा सकता है। इस साल वार्डो में छिड़काव भी शेष बचे सोडियम हाईप्रोक्लोराइड से ही किया गया है। सैनिटाईजर वार्डो में छिड़काव नहीं किया जाता है। फोग मशीन 68,000 रूपए से भाव पत्र आमंत्रित कर बन्द दुकान से खरीदी गई है। मशीन की कम्पनी मॉडल नं०, स्पेशिफिकेशन की जांच किया जाना आवश्यक है।

अन्य लाखों रूपए की सामग्री जैसे- सैनिटाईजर 130 लीटर, एप्रेन 90 नग, रबर ग्लब्स 175 नग, टोपी 200 नग फिनाईल, एसिड, डेल्टा फाग इत्यादि मेडिकल स्टोर से खरीदी न कर बार-बार एक ही सामग्री के भाव पत्र आमंत्रित कर बन्द दुकानों से खरीदी किया गया है। स्टॉक रजिस्टर में सामग्री प्रदायकर्ता के हस्ताक्षर है किन्तु प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर नहीं है केवल यह अंकित है कि कर्मचारियों को प्रदाय किया गया। पार्षद का कहना है कि ऐसे में सामग्री किस कर्मचारी को प्रदाय किया गया है इसका बयान लिया जाना अत्यन्त आवश्यक है।

खासबात यह है की खरीदी में सामग्री की आवश्यकता का आंकलन न करते हुए राशि 50,000 से 1,00,000 तक छोटे-छोटे भुगतान करने के उद्देश्य से जान बूझकर आनन-फानन में नस्ती तैयार की गई है। इसलिए बार-बार एक ही सामग्री हेतु भाव पत्र आमंत्रित किया गया है कि किसी तरह राशि 50,000 से 1,00,000 तक बने व उसका फर्जी भुगतान किया जा सके, और शासकीय राशि का गबन कर सके। पार्षद ने मामले में जांच की मांग की है।

बड़ा सवाल यह : विश्रामपुर, सूरजपुर के सप्लायर कैसे पहुँचे
लॉकडाउन अवधि अप्रैल 2021 व मई 2021 में जब नगर पालिका कार्यालय आम जनता के लिए बन्द थे उस स्थिति में पालिका कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा भाव पत्र आमंत्रण सूचना के संबंध में स्थानीय ठेकेदारों के अतिरिक्त विश्रामपुर, सूरजपुर के सप्लायर को जानकारी कैसे प्राप्त हुई ? या पालिका कार्यालय में दर स्वयं उपस्थित होकर कैसे भरा गया ?

पार्षद संजय जायसवाल ने कलेक्टर से मांग की है कि संयुक्त दल गठित कर लॉकडाउन अवधि में बन्द दुकानों से क्रय लाखों रुपये की सामग्री का भौतिक सत्यापन एवं जांच कर शासकीय राशि के दुरूपयोग में सम्मिलित मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध रिकव्हरी तथा कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की कृपा करें।

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