बिलासपुर / चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राज कुमार मिश्रा के द्वारा छ0ग0 उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत कर छ0ग0 राज्य सूचना आयोग में लंबित अपील व शिकायत प्रकरणों की सूनवायी पक्षकारों के मोबाईल पर ऑडियो विडियों कॉफ़ेसिंग के माध्यम से कराये जाने की मांग किया गया है. जिसकी सूनवायी छ0ग0 उच्च न्यायालय में दिनांक 01.05. 2023 को किया गया. आगे की सूनवायी दिनांक 13.06.2023 को निर्धारित किया गया है.
दिनांक-01.02.2018 को आरटीआई कार्यकर्त्ता ने मूख्य राज्य सूचना आयुक्त को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि कृपया अपील व शिकायत प्रकरणों की सूनवायी मोबाईल पर विडियों कॉफ़ेसिंग के कराया जाय. इस तरह की सूनवायी कई राज्य सूचना आयोग और केंद्रीय सूचना आयोग से किया जा रहा है. उन्होंने अपने आवेदन में इस तरह की सूनवायी से होने वाले लाभ का वर्णन किया था.
आरटीआई कार्यकर्त्ता के उक्त अनुरोध के बाद छ0ग0 सूचना आयोग के द्वारा एक बेठक किया गया जिसके कंडिका-9.5 में निर्णय लिया गया कि प्रकरणों के सूनवायी के समय आवेदकों द्वारा मोबाईल के माध्यम से सूनवायी किये जाने हेतु समय-समय पर निवदेन किया जाता रहा है, अतएव पायलट पायलट प्राजेक्ट के रूप में किसी एक जिले में जहां मोबाईल कनेक्टीविटी अच्छी हो को लिए जाने का प्रस्ताव किया गया. सूचना आयोग के इस निर्णय के आधार पर विधि अधिकारी के द्वारा इस संबंध में अपना अभिमत दिया गया. इस अभिमत के विपरीत आज दिनांक तक आयोग द्वारा किसी भी शिकायत या अपील की सूनवायी विडियों कॉफ़ेसिंग से सूनवायी नहीं किया जा सका.
कोविड-19 के महामारी के कारण स्वाच्य न्यायालय व देश के सभी उच्च न्यायालय में प्रकरणों की सूनवायी मोबाईल पर विडियों कॉफ़ेसिंग के माध्यम से किया जा रहा है, जो बेहद सुविधाजनक और आर्थिक रूप से कम खचीला है.
आरटीआई कार्यकर्ता राज कुमार मिश्रा के इस अनुरोध और अपने ही आदेश का पालन नही करने के कारण आरटीआई कार्यकर्ता ने छ0ग0 उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत कर सूचना आयोग में शिकायत या अपील की सूनवायी विडियों कॉफ़ेसिंग से कराये जाने का आदेश देने का मांग किया गया है. यह याचिका वर्ष 2019 से छ0ग0 उच्च न्यायालय में लंबित है, जिसकी सूनवायी दिनांक 01.05.2023 को किया गया.
इस सूनवायी में छ0ग0 उच्च न्यायालय के एकल पीठ के न्यायमूर्ति पी शाम कोसी ने सूचना आयोग को सख्त निर्देश दिया है, उन्होंने आदेश किया है कि 2 हफ्ते के भीतर छत्तीसगढ़ सूचना आयोग मोबाइल से सुनवाई शुरू कर दे अथवा सूचना आयोग के सचिव न्यायालय में उपस्थित रहे.
याचिकाकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा को अब आस जगी है कि दूसरे राज्यों और केंद्र की तरह छत्तीसगढ़ में भी सूचना आयोग मोबाइल से सुनवाई करेगा.