Monday, January 27, 2025
बड़ी खबर हो जाएं सावधान हार्टअटैक के साथ मार सकता हैं...

हो जाएं सावधान हार्टअटैक के साथ मार सकता हैं लकवा,सर्दियों में नहाते समय आप भी तो नहीं कर रहे हैं यह गलती…

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नई दिल्ली:– सर्दियों में हार्ट अटैक तथा ब्रेन हेमरेज के मामले कई गुना बढ़ जाते हैं. चिकित्सकों की माने तो, नवंबर से लेकर मार्च महीने तक का समय ऐसा होता है, जब हृदय घात तथा लकवा मारने की संभावना बेहद प्रबल हो जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण शरीर के तापमान का अचानक से कम हो जाना होता है.

मुख्य रूप से यह स्थिति उस समय उत्पन्न होती है जब कोई व्यक्ति गर्म पानी से नहाने के बाद तुरंत खुले में निकल आता है, या फिर रात को वॉश रूम जाने के लिए रजाई तथा कंबल से बाहर निकलता है. इन दोनों परिस्थितियों में शरीर का तापमान अचानक से प्रभावित होता है, जिसका असर खून के बहाव यानि ब्लड प्रेशर पर पड़ता है. विशेषज्ञों की मानें तो, सर्दियों में ब्लड प्रेशर के प्रभावित होने की वजह से ही ब्रेन हैमरेज तथा हार्ट अटैक जैसी समस्या उत्पन्न होती है.

हार्ट अटैक तथा ब्रेन हैमरेज जैसी समस्या पिछले डेढ़ दशकों से कार्यरत फैमिली फिजिशियन डॉ. देवेश चटर्जी बताते हैं कि सर्दियों में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं जिससे खून की सप्लाई धीमी हो जाती है. ऐसे में ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बनने लगती है. ठीक इसी प्रकार, ठंड के मौसम में खून गढ़ा होने की वजह से कई बार ‘खून’ हार्ट तथा ब्रेन तक नहीं पहुंच पाता है. परिणाम स्वरूप हार्ट अटैक तथा ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है.

नहाते समय न करें ये गलती यहां समझने वाली बात यह है कि सर्दियों में जब भी हम किसी बंद कमरे में गर्म पानी से नहाते हैं, तो हमारे शरीर का तापमान बाहर के तापमान की अपेक्षा अधिक रहता है. लेकिन जैसे ही हम बाहर निकलते हैं, तो बाहर की ठंडी हवाएं हमारे शरीर के तापमान को तुरंत कम करने लगती हैं, जिससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं. परिणाम स्वरूप खून का दबाव बढ़ने लगता है, जो हृदय घात की समस्या को उत्पन्न करता है. डॉक्टर्स कि मानें तो इससे बचाव के लिए आपको गर्म पानी से नहाने के बाद शरीर को कपड़ों से ढक कर तथा कुछ देर इंतजार कर ही बाहर खुले में आना चाहिए.

रजाई कंबल से बाहर निकलने से पहले करें यह कामइसी प्रकार जब भी आप रात में या भोर में रजाई-कंबल से बाहर निकलते हैं तो एकदम से ना उठें. क्योंकि ठंड के मौसम में ब्लड गाढ़ा हो जाता है और एकदम से उठने पर कई बार खून हार्ट या ब्रेन तक नहीं पहुंच पाता है. परिणाम स्वरूप हृदय घात तथा ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए सर्दियों में बिस्तर छोड़ने से पहले कुछ देर बैठ जाएं. करीब 40 सेकंड तक बैठने के बाद करीब 1 मिनट तक अपने पैर नीचे लटकाएं और फिर गर्म कपड़े पहनकर ही उठें. इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन प्रॉपर बना रहेगा और स्ट्रोक्स की संभावना घटेगी.

इस समय में बढ़ जाता है स्ट्रोक्स का खतरा डॉ. देवेश बताते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक की वजह से लकवे की दो स्थिति पैदा होती है. एक स्थिति में दिमाग में खून की सप्लाई बेहद कम हो जाती है, जिसे स्टेमिक कहते हैं. इसमें इंसान के बचने की संभावना रहती है. दूसरी स्थिति में ब्रेन की नसें फट जाती हैं, जिसे हैमरेजिक कहते हैं. ऐसी स्थिति में पीड़ित के बचने की संभावना न के बराबर रहती है. गौर करने वाली बात यह है कि सर्दियों में रात्रि तीन बजे से लेकर भोर के 6 बजे तक स्ट्रोक्स की संभावनाएं बेहद प्रबल होती हैं. ऐसे में इस दौरान आपको कुछ करते समय बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है.

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