रायपुर। होस / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी सुरक्षा आधी कर दी है और तर्क दिया है कि जब राज्य में नक्सलियों की संख्या आधी रह गई है, तो उनकी सुरक्षा भी आधी होनी चाहिए! यह घोषणा सुनकर नक्सली भी असमंजस में पड़ गए हैं – “अब हम डरें या सरकार हमसे डरना बंद कर चुकी है?”

नक्सलियों को अब कौन बचाएगा?
राज्य में चल रहे सफल अभियानों से नक्सली अब ख़ुद सुरक्षा की मांग कर सकते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मज़ाक में कहा, “अगर ऐसे ही चलता रहा, तो जल्द ही नक्सली ख़ुद थाने आकर कहेंगे – साहब, हमें गिरफ्तार कीजिए, नहीं तो आप हमें जान से मार दोगे!”
“कम सुरक्षा, ज्यादा विकास!”
मुख्यमंत्री ने साफ़ किया कि अब सुरक्षा पर कम खर्च कर सरकार विकास पर ज्यादा ध्यान देगी। उन्होंने कहा, “पहले हम नक्सलियों से डरकर सुरक्षा बढ़ाते थे, अब नक्सली हमसे डरकर जंगल छोड़ रहे हैं। तो हमें इतनी सुरक्षा की जरूरत क्यों?”
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। विपक्ष ने सवाल उठाया कि “क्या नक्सली वाकई खत्म हो रहे हैं, या उन्होंने छुट्टी पर जाने का फैसला किया है?” वहीं, मुख्यमंत्री समर्थकों का कहना है कि अब छत्तीसगढ़ में नक्सली नहीं, बल्कि सिर्फ़ विकास की गूंज सुनाई देगी!
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से एक नई परंपरा की शुरुआत हो सकती है। आने वाले समय में हो सकता है कि नेता अपनी सुरक्षा आधी नहीं, बल्कि जनता के साथ शेयर करने लगें – “आधी सिक्योरिटी आपके लिए, आधी हमारे लिए!”
बहरहाल, इस खबर के बाद नक्सली भी सोच में पड़ गए हैं कि अब सरकार से लड़ें या सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं!