00 80 साल से ऊपर के करदाताओं को ही ऑनलाइन फॉर्म भरने से छूट
00 31 जुलाई 2019 है आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि
दिल्ली / आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अधिसूचित फॉर्म में करदाताओं से कई नई जानकारियां मांगी हैं। इस कारण आईटीआर फॉर्म काफी जटिल हो गया है। अगर किसी नौकरीपेशा को खेती से आमदनी पांच हजार रुपये सालाना से ज्यादा होती है तो उसे 23 पेज का आईटीआर-2 फॉर्म भरना होगा।
आयकर विभाग ने इस बार फॉर्म में छह अतिरिक्त पेज जोड़कर शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश, बांड में निवेश, मकान-दुकान की जानकारी पूछने के साथ खेती-बाड़ी से होने वाली आमदनी पर भी निगाह रखी है। बीते वित्त वर्ष में कुछ अवधि के लिए विदेश में गुजारने वाले या विदेश से एनआरआई का स्टेटस छोड़कर देश लौटने वालों को भी कई नई जानकारियां इस बार के फॉर्म में भरनी पड़ेंगी।
आयकर विभग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर एक मकान रखने वाले और साल में 50 लाख तक कमाने वाले वेतनभोगियों को आईटीआर-1 फार्म भरना पड़ता था। लेकिन जिस नौकरीपेशा को खेती से पांच हजार से ज्यादा आय होगी, वह अब आईटीआर-2 भरेगा।
वित्त वर्ष 2018-19 या आकलन वर्ष 2019-20 का आईटीआर-2 फॉर्म पिछली बार के मुकाबले काफी जटिल हो गया है। आयकरदाताओं को पहले इसमें जहां 17 पेज भरने पड़ते थे, अब 23 पेज भरने पड़ेंगे। हालांकि, आईटीआर-1 फॉर्म यानी सहज में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह बाकी सभी नौकरीपेशा को भरना होगा।
आयकर अधिकारी ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान यदि कोई करदाता विदेश में रहकर आया है तो उसे विदेशी आमदनी की भी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा यदि किसी कंपनी के निदेशक रहे हैं, तो उसकी भी विस्तृत जानकारी इस बार आईटीआर फॉर्म में देेनी पड़ेगी।
आयकर अधिकारी ने बताया कि कालेधन को सफेद बनाने के एक विशेष तरीके पर चोट करेंगे। अब असूचीबद्घ कंपनियों में निवेश की जानकारी भी करदाताओं को देनी होगी। इस बार वैयक्तिक करदाता और हिंदू अविभाजित परिवार को भी इस तरह के निवेश पर कंपनी का नाम, शेयर का अंकित मूल्य, खरीद मूल्य, समय और खर्च की रकम बतानी होगी। अभी तक इसमें जमा-खर्ची का एजेंटों के जरिये चेक लेकर करोड़ों का निवेश होता है और उसे संबंधियों को दाम पर बेच दिया जाता है।
आयकर मामलों के जानकार चार्टर्ड अकाउंटेंट कमलाकर मिश्रा का कहना है कि इस बार आईटीआर-2 भरने में पिछले वर्ष के मुकाबले तीन गुना ज्यादा समय लगेगा। इसमें पेज बढ़ाने के साथ ऐसी-ऐसी जानकारियां मांगी गई हैं, जिन्हें भरना आम करदाता के लिए संभव नहीं होगा। लिहाजा सहज फॉर्म को छोड़कर अन्य आईटीआर भरने में पेशेवर की मदद लेनी पड़ेगी।