दिल्ली / दो साल पहले साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा में शानदार जीत हासिल हुई थी। भाजपा की जीत में सबसे बड़ा योगदान नरेंद्र मोदी का था। 30 सालों के बाद लोकसभा में किसी दल को पूर्ण बहुमत मिला था। 543 में से भाजपा से 282 सीटें जीती।
6 मई 2014 देश के राजनैतिक इतिहास की वो तारीख है। जिसने ना केवल राजनीति की दशा और दिशा बदल दी बल्कि पहली बार बीजेपी को ऐसी कामयाबी हासिल हुई, जिसकी उम्मीद शायद पार्टी को भी नहीं थी। 1984 में 2 सीट जीतने वाली बीजेपी-साल 2014 में 282 सीटें लेकर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ गई। इसके पीछे पूरी पार्टी की तो मेहनत थी ही लेकिन जनता के दिल में इस बार छवि पार्टी से ज्यादा नेता की थी। नेता यानि नरेंद्र दामोदरदास मोदी। जिन्होंने बिना रूके बिना थके चुनाव प्रचार के दैरान 450 से ज्यादा रैलियां कीं, 5000 छोटी-बड़ी सभाएं की, कुल 3 लाख किलोमीटर का सफर तय किया। वो नेता, गुजरात में जिसके 13 साल के शासन ने विकास का नया मॉडल खड़ा किया। चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रचंड बहुमत के आगे बड़े बड़े दिग्गजों की राजनैतिक जमीन खीसक गई।
देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ की कांग्रेस पार्टी अर्श से फर्श पर आ गई। किसी भी लोकसभा चुनाव में उसे ऐसी हार का सामना कभी नहीं करना पड़ा। जिधर भी देखो उधर सिर्फ बीजेपी ही नजर आ रही थी। मोदी के शानदार नेतृत्व के चलते 543 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा को 282 सीटों पर सफलता मिली है। अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता के चरम पर भी भाजपा को 1998 -99 में केवल 182 सीटें मिली थीं। वास्तव में भाजपा के लिए ये किसी चमत्कार से कम नहीं था। 30 साल के लंबे अंतराल के बाद भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में अपने बूते पूर्ण बहुमत पाने वाला पहला दल बना। जबकि इससे पहले 1984 में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला था।
भाजपा की इस शानदार जीत में उसे हिन्दी-भाषी क्षेत्रों- उत्तर प्रदेश , बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीटों पर मिली भारी सफलता का प्रमुख योगदान था। इन राज्यों की 225 सीटों में से उसे 190 सीटें मिली हैं। इन राज्यों में न केवल कांग्रेस बल्कि सपा, बसपा, जदयू एवं राजद जैसे दलों का बेहद निराशाजनक प्रदर्शन रहा। कांग्रेस तो अधिकतर राज्यों में दहाई अंक भी पार नहीं कर पाई। भाजपा ने मध्यप्रदेश (27), गुजरात (26), राजस्थान (25), दिल्ली (7), उत्तराखंड (5), हिमाचल प्रदेश (4) और गोवा (2) में सभी लोकसभा सीटें जीत लीं।
देश की जनता ने करप्शन, घोटाले,सुस्त आर्थिक सेहत, इन्फ्रास्ट्रक्चर में कमी, गरीबी, बेरोजगारी जैसे अनगिनत मुद्दों पर यूपीए की सरकार को घेरते हुए उसे चुनावों में धूल चटा दी। दो साल में सरकार ने कई ऐसी योजनाओं को लोगों के लिए शूरू किया है जो पहले देखने को नहीं मिली। लेकिन जनता के भरोसे की दूरी अभी लम्बी है जिसे पूरा करने के लिए कई काम और भी किये जाने बाकी है।