कोरिया / हजरत बाबा भोलनशाह वली रहमतुल्लाहअले की मजार पर लगने वाले तीन दिवसीय उर्स का आज से आगाज होने जा रहा है। आपको बता दे की देश के कौने – कौने से हजारों लोग हर वर्ष चादर चढ़ने यहाँ आते है, ऐसा कहते है की बाबा भोलनशाह की मजार पर सच्चे मन से जाकर यदि कोई मन्नत मागता है तो वह जरूर ही पूरी होती है और शायद यही कारण है की सालाना लगने वाले उर्स का यह लगभग 46 वाँ वर्ष है और पिछले 46 वर्षो से लगातार यह मजार आपसी भाईचारे और लोगो के असीम आस्था का केंद्र भी बना हुआ है। इस मजार की एक और भी कहानी लोगो में सुमार है की यहाँ हर धर्म के लोग अपनी मुरादे मांगने मजार तक पहुंचते है और उर्स के दौरान मजार पर पहला चादर एक हिन्दू यादव परिवार के द्वारा चढाया जाता है।
इस उर्स में समुचा कोरिया और जिले के लोगो के लिए यह सबसे बड़ा मौका रहता है लोग बढ-चढ़ कर इस कार्यक्रम में शिरकत करते है हालाकिं सालाना सम्पन्न्य होने वाले उर्स का कोई दिन – महिना – तारीख मुकर्रर ( निर्धारित ) नहीं है उर्स कमिटी ही गर्मियों के माह में कोई खाश दिन देख कर उर्स कराने का समय मुकर्रर ( निर्धारित ) करते है जिसके बाद ही 3 दिवसीय उर्स सम्पन्न्य होता है। उर्स के आलावा पुरे वर्ष भर बाबा भोलन शाह की माजर पर दूर-दूर से लोग मन्नत मांगने चादर चढाने आते है और माजर पर चादर पोशी पुरे वर्ष भर चलता रहता है और सालाना उर्स के दौरान ही पुराने चादरों को मजार से हटाया जाता है, ऐसी मान्यता है की बाबा भोलनशाह की माजर में आकर चाहे वो किसी भी धर्म का व्यक्ति हो सच्चे दिल से मन्नत मांगता है तो वह अवश्य पूरी होती है, सालाना लगने वाले उर्स में काफी दूर-दूर से लोग अपनी खली झोलिया ले कर आते है और झोलिया भर कर जाते है और शायद यही कारण है की यह लगभग 46 वाँ वर्ष है और बीते 46 वर्षो से लगातार यह मजार और मजार में लगने वाले उर्स पर लोगो का अथाह आस्था कायम है।
कोरिया जिले के सोनहत में बाबा भोलानशाह के मजार में लगने वाला यह सालाना उर्स सभी धर्मो के भाईचारे का प्रतिक है बल्कि इसकी सोहरत काफी दूर दूर तक फैली हुई है जिससे देश के कोने कोने से लोग यहाँ जियारत के लिए आने पर मजबूर होते है और आते है।