कोरिया / यूॅ तो शासकीय सेवाओं में कई एैसे मामले उजागर हुएं जहां फर्जी प्रमाण पत्र के आधार में नौकरी करने का कार्य किया जाता रहा हैं ठीक वैसा ही एक मामला फिर प्रकाश में आया है। जो पिछले 33 वर्षो से शासन की आखों में धूल झोककर फर्जी दस्तावेज के आधार पर शासकीय कार्यालय में नौकरी कर रहां हैं। यही नहीं उक्त शख्स अब एक एैसी जगह पहुंच चुका है जिसकी शिकायत करने वाला ही अपनी खैर मनाने लगता हैं।
प्रतिनियुक्ति पर संचालक नगरीय प्रशासन के कार्यालय में संचालक के निज सहायक जो कि मूलतः नगर पालिका का कर्मचाारी रहां। विगत 33 वर्षो से शासन की आखों में धूल झोककर गलत ढंग से फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर इस्राइल आईजेक नौकरी कर रहां है।
दस्तावेजों के अनुसार वर्ष 1983 में तत्कालिक मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण चिरमिरी में नौकरी पाने के लिएं जिस निवास प्रमाण पत्र का उपयोग कर प्रस्तुत किया वह पूरी तरह से गलत और फर्जी है। उक्त निवास प्रमाण पत्र में न तो राजस्व प्रकरण क्रमाक अंकित है और न ही तत्कालिक सरगुजा जिला अंतर्गत बैंकुठपुर के द्वारा राजस्व पंजी में जारी किएं जाने संबंधी जैसे कोई व्यौरा जानकारी दर्ज की गई हैं। जिसकी पुष्टी एस0डी0एम0 बैंकुठपुर जिला कोरिया द्वारा कर दी गई हैं।
ज्ञाात हो कि उक्त कर्मचाारी के दस्तावेज नस्ती के मुताबिक वर्ष 1978 दिसम्बर माह में आंध्रप्रदेश से इंटर पास किया और निवास प्रमाण पत्र के मुताबिक उसने 19 सितम्बर 1979 को म0प्र0 से हायर सेकेन्डी उत्तीर्ण किया तो यह तथ्य पुर्णतः गलत हैं। क्योकि 1978 के दियम्बर माह में इंटर पास करने के बाद म0प्र0 में हायर सेकेन्डी पास करने के लिएं वर्ष 1979 – 1980 में प्रवेश लेना अनिवार्य होगा तथा परीक्षा परिणाम वर्ष 1980 में घोषित होता तो एैसी स्थिति में इस्राइल आईजैक ने 1979 में म0प्र0 की आखिर कौन सी हायर सेकेन्डी परीक्षा पास की जिसका कि उल्लेख निवास प्रमाण पत्र में हैं। विदित हो कि उक्त कर्मचारी वर्ष 1983 में साडा चिरमिरी ने एल0डी0सी0 के पद पर फर्जी निवास प्रमाण पत्र के जरिएं नियुक्ति पाया, उक्त कर्मचारी ने साडा चिरमिरी में वर्ष 1990 -1991 में भण्डार प्रभारी के पद पर रहते हुएं इस्राइल आईजैक ने लाखों रू0 के सीमेंट घोटालों को भी अंजाम दिया। इस सीमेंट घोटाले के आरोपी के विरूद्व तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर ने एफ0आई0आर0 करने का निर्देश भी दिया, जिसका कि उल्लेख मिनिट्स में दर्ज हैं। जिसके पश्चाात् कर्मचारी द्वारा घोटाले में फसने के बाद वर्ष 1991 में एल0डी0सी0 के पद से एकाएक त्याग पत्र दे दिया था। जिस उपरांत वर्ष 1991 में ही मार्च महीने में यु0डी0सी0 के पद पर पदोन्नती कर उनकी ज्वाइनिग करा दी गई। वर्ष 1991 के माह जून में ही एल0डी0सी0 के पद पर इस कर्मचारी को स्थाई कर दिया गया। अब यह भी देखिएं जुर्म के उपर जुर्म यानि जिस व्यक्ति के फर्जी निवास प्रमाण पत्र पर उसे नौकरी दी गई हो और उसके बाद न जाने किस आधार पर उन्हें नियमित किया गया। जबकि दैनिक वेतन भोगी तदर्थ कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश 05 मार्च 2008 को राज्य शासन द्वारा जारी किएं गएं हैं।
बहरहाल फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहें इस्राइल आईजैक के इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिएं। सूत्र बताते है की निगम चिरिमिरी में और भी कई लोग ऐसे है जिनकी नियुक्ति पर रह – रह के सवाल उठते रहे है सही समय पर जाँच न होने के कारण ऐसे अधिकारिओ हमेशा से बचते है।
इनका कहना है – कई बार शिकायत की गई पर कार्यवाही आज तक नहीं हुई – रामा राव – पूर्व mic सदस्य, नगर निगम चिरिमिरी