दिल्ली / 500 और 1000 के पुराने नोटों को अमान्य करने के बाद कालेधन और भ्रष्टाचार से निपटने और पारदर्शिता बढाने के लिए सरकार देश में लेसकैश इकॉनमी और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रही है।
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इसी को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने शुक्रवार को डिजिधन अभियान का शुभारंभ किया जिसका मकसद देश को डिजिटल भुगतान से संबंधित जानकारी देना है। सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय ने एतिहासिक पहल करते हुए डिजिशाला टीवी चैनल शुरु किया है।
ये फ्री टू एयर चैनल पूरे देश में डीडी फ्री डिश डीटीएच के द्वारा जानकारी उपलब्ध कराएगा। इसका मकसद ग्रामीण तथा अर्धशहरी नागरिकों को डिजिटल भुगतान की जानकारी देना है। चैनल टॉक शो और प्रदर्शनी के जरिए यूपीआई, यूएसएसडी , आधार, ई वॉलेट तथा कार्ड के जरिए डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को लोगों तक पहुंचाएगा। लोगों को कैशलेस, फेसलेस और पेपरलेस डिजिटल इंडिया के बारे में लोगों को जागरुक करेगा। ख़ास तौर पर गांवों और छोटे शहरों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वो डिजिटल इंडिया की अन्य सेवाओं का इस्तेमाल कर सकें। शुरुआत में ये हिंदी और अंग्रेजी में होगा और आगे चलकर स्थानीय भाषाओं में भी होगा। सरकार की इस तरह की कोशिशें रंग भी ला रही हैं। महीने भर में डिजिलट वॉलेट से लेनदेन 17 लाख से बढ़कर 63 लाख हो गया है। वहीं रुपे कार्ड से लेनेदेन पिछले महीने भर में 3.85 लाख से बढकर 16 लाख हो गया है। यूपीआई से हर दिन का लेनदेन 3721 से बढकर 48238 हो गया है। वहीं स्वाइप मशीन का लेनदेन महीने भर में 50.2 लाख से बढकर 98.1 करोड हो गया है। देश भर में लोग डि़जिटल लेनेदेन की ओर तेजी से बढ रहे हैं। बात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की करें तो सामान्य लोग से लेकर स्थानीय व्यापारी, दुकानदार और व्यवसायी कैशलेस ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं। लोगों को कहना है कि इस तरह की लेन देन से व्यापार करना काफी सुगम हो गया है। सरकार ने गुरुवार को भी डिजिटल लेनदेन को बढावा देने के लिए 11 उपायों का एलान किया था। इसमें कार्ड से पेट्रेल डीजल की खरीद पर 0.75 फीसदी छूट और ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग पर दस लाख का दुर्घटना बीमा शामिल है। लोग इसका स्वागत कर रहे हैं। कुल मिलाकर सरकार देश को डिजिटल भुगतान की ओर ले जा रही है और जनता से भी उसे भरपूर सहयोग मिल रहा है। |