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दिल्ली / नए साल में सोना खरीदने वालों के लिए खुशखबरी है। BIS ने 1 जनवरी 2017 से सोने के सभी तरह के आभूषणों पर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। इस आदेश के बाद अब देश के सभी ज्वैलर्स को 22, 18 और 14 कैरेट के आभूषणों में हॉलमार्क निशान लगवाना जरूरी होगा।
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भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने सोने के गहनों के लिए हॉलमार्किंग से जुड़े मानक को सुधार कर इसे एक जनवरी से लागू कर दिया है। हॉलमार्क गाइडलाइंस में तीन अहम बदलाव किए गए। बीआईएस की ओर से जारी नए हॉलमार्किंग नॉर्म्स में कहा गया कि अब सोने की हॉलमार्किंग सिर्फ तीन कैटिगरी में होगी। यानि 14, 18 और 22 कैरेट के गहनों पर ही हॉलमार्क का निशान लगाया जाएगा। अब तक 9, 16, 17, 19, 20, 21, 23 कैरेट के गहनों पर भी हॉलमार्क लगता था। दूसरे अहम बदलाव के तहत फिटनेस मार्क के साथ कैरेट संख्या भी दर्ज होगी। मसलन 22 कैरेट के सोने पर अब 22K916 लिखा होगा।
तीसरे बदलाव के तहत हॉलमार्किंग से गहने के मैन्युफैक्चरिंग वर्ष को हटा दिया गया है। बीआईएस की मानें तो तीनों बदलाव उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखकर लिए गए हैं। इस फैसले का आभूणण विक्रेताओं ने भी स्वागत किया है। कैरेट संख्या दर्ज होने से अब हर कोई आसानी से जान सकेगा कि गहना कितने कैरेट का है। आमतौर पर कीमतों में बेंचमार्किंग न होने की वजह से कम शुद्धता वाले सोने की पहचान करना कठिन होता है। ऐसे में सरकार के इस कदम से कंज्यूमर्स को जहां सोने की शुद्धता की गारंटी मिलेगी, वहीं ज्वेलर्स के गोलमाल करने के रास्ते बंद हो जाएंगे । |
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सभी तरह के आभूषणों पर 1 जनवरी से हॉलमार्क लगाना अनिवार्य, ज्वेलर्स के गोलमाल करने के रास्ते बंद
