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क्या होटल मयूरा में बजने वाले डीजे के लिए कोई अलग है नियम – आखिर कब लगेगी प्रतिबंध ?

अंबिकापुर / माननीय उच्च न्यायालय ने डीजे पर प्रतिबन्ध लगाया है, कानून का पालन करने सभी जिले के कलक्टर, एस पी ने प्रेस कांफ्रेंस कर नियमों के बारे में जानकारी भी दिया है और सभी डीजे संचालकों को भी समझाइश भी दी की अब कहीं भी डीजे बजाने की लिए एक तय समय सीमा होगी और ध्वनी मापने की मशीन (डेसिबल मीटर ) से मापने और अनुमति के बाद ही इसका संचालन किया जा सकेंगे, तो आखिर क्या हुआ उस नियम का ? 

शहरों और ग्रामीण अंचलो में शादी – विवाह के दौरान लगे छोटे संचालकों पर कारवाई तो दिखी और पुलिस का इंटरेस्ट भी दिखा, पर क्या नियम और कानून सिर्फ इन छोटे – छोटे व्यवसायियों के लिए ही बना है ? शायद  हां . क्योंकि सरगुजा संभाग के सबसे बड़े शहर अंबिकापुर में ऐसा ही हो रहा है, शहर के बड़े- बड़े ऐसे होटल जो रिहायसी इलाकों में है और आये दिन यहाँ विवाह या किसी तरह की पार्टी का आयोजन होता रहता है यहाँ किसी भी प्रकार से तेज ध्वनि पर प्रशासन का अभी तक कोई भी नियंत्रण नहीं देखने को मिला है, अंबिकापुर के होटल मयूरा भी इनमे से एक ऐसा ही होटल है जहाँ आये दिन शादी –पार्टी के कार्यक्रम के दौरान कान फट जाने वाली आवाज से लोग परेशान रहते हैं, रिहायशी इलाके में होने के कारण आसपास के रहवासी इतने परेशां है की इन्हें रात के 11 बजे तक कान में रुई डाल कर रहना पड़ रहा है, इनका तो ठीक है पर उन छोटे बच्चो या उन बीमार बुजुर्गों का क्या होता होगा ? शायद ये सोंचने होटल संचालक या प्रशासन को समय नहीं है, अंबिकापुर के लान वाले होटलों का कमोबेश यही हाल है।

बहरहाल हालात तो ये बयां करती है की मुंह देखकर कारवाई करने की प्रशासन की प्रवृति ने ही कुछ कथित बड़े लोगों को क़ानून का उन्लंघन करने की आज़ादी दे दी है वरना ऐसे छोटे – छोटे मामलों के लिए लोग इस तरह परेशान नहीं होते ।

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