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अल्का सीआरपीएफ में जाने वाली जिले की पहली महिला बनीं …

कोरिया / चिरीमिरी – मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनके हौसलों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। यह जुमला चिरमिरी जी एम् कॉप्लेक्स की 21 वर्षीय अल्का पर सोलह आने फिट बैठता है। चुकीं अल्का तिवारी का चयन सीआरपीएफ में कॉन्स्टेबल जनरल डयूटी के पद पर हुआ है और अब अल्का सीआरपीएफ में जाने वाली जिले की पहली महिला बन गई है।
              दरअसल पेशे से पूजारी और आंटा चक्की चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले चिरमिरी जी एम् कॉप्लेक्स वार्ड नंबर 02 के निवासी विजेन्द्र कुमार तिवारी की पुत्री ने अपने अथक प्रयासों से सीआरपीएफ में काउंसटेबल का पद हासिल किया है। कॉन्स्टेबल जनरल डयूटी का पद मिलते ही बिजेन्द की 21 वर्षीय पुत्री अल्का तिवारी जिले की पहली महिला बन गई है जिसकी नियुक्ति सीआरपीएफ मे हुई है। अल्का ने चर्चा के दौरान बताया कि खेल के प्रति पहले से ही उनकी रूचि थी जिसकी वजह से पहले प्रयास मे ही वे सीआरपीएफ हेतु सलेक्ट हो गई है। अल्का बीएससी फाईनल ईयर की छात्रा भी है। अल्का ने बताया कि वे आज डयूटी ज्वाईन करने के लिये अजमेर के लिये निकलेंगी।
IMG-20170318-WA0004बिजेन्द्र कुमार तिवारी (अल्का के पिता) – पूजा पाठ और आंटा चक्की चलाकर परिवार का पालन पोषण चलता है नौकरी की तो आवश्यकता थी ही और ऐसे मे मेरी बेटी का चयन सीआरपीएफ मे हो गया है। लोग कहते है कि सीआरपीएफ की नौकरी बहुत कठीन है लेकिन मुझे खुशी है कि मेरी बेटी का चयन इसमे हुआ है।
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