०० ठेका श्रमिक की मौत के बाद खान सुरक्षा निदेशालय की टीम ने दी शहर में दस्तक – कहा बड़ी लापरवाही को दिया गया अंजाम
०० समय पर होता उपाए तो नहीं लगती कोयले में आग – ऍम आर मंडावे
०० कोयले की छति के साथ जीवन से भी हुआ खिलवाड़, कार्यवाई निश्चित होगी किसी एक व्यक्ति को दोषी नहीं माना जा सकता सब की है संलिप्ता
कोरिया / चिरमिरी – शहर के चिरमिरी ओसीपी में कोयले के भंडार में लगी आग और कोल स्लाईड होने से एक ठेका मजदुर के मौत के बाद केंद्र सरकार की डीजीएमएस ( खान सूरक्षा निदेशालय भारत सरकार ) की टीम द्वारा शहर में दस्तक देते ही एसईसीएल में हड़कंप मचा हुआ है। टीम ने एसईसीएल के बड़ी बाजार में स्थापित खुली खदान सहित क्षेत्रीय चिकित्सालय कुरासिया, एनसीपीएच की भूमि गत खदान, कुरासिया कालरी सहित एसईसीएल की सभी संचालित खदानों का औचक निरिक्षण किया, जिसमे स्थानीय एसईसीएल के पदस्थ अधिकारियो सहित कर्मचारियों के पसीने छुटते दिखाई पड़े और अब अधिकारी अपनी – अपनी बचाव के तरीकों को खोजने की जुगत में लगे हुए है।
जानकारी अनुसार टीम ने मौके पर निरिक्षण करते हुए और उपस्थित अधिकारियो सहित कर्मचारियों की बातो को सुना वही चिरमिरी ओसीपी में सुरक्षा व्यवस्था को देख नाकाफी बताते हुए आज तक कोई पहल नहीं होने की बात कही – जिसकी रिपोर्ट बना कर कार्यवाई करने की बात कही है। अपने दो दिवसीय दौरे के बाद शुक्रवार को टीम द्वारा पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए टीम में आये वरिष्ठ अधिकारी ऍम आर मंडावे ने अपनी नाराजगी जाहिर की और मामले में बड़ी लापरवाही होने की बात कही है, जिसमें शहर सहित एसईसीएल के मुख्यालय तक लापरवाही को जिम्मेदार बताया है मंडावे ने कहा की खान प्रबंधक द्वारा सुरक्षा नियमो को ताक पर रख कर कमाऊ जगहों पर अपना ज्यादा ध्यान केंद्रित करना ये अच्छी बात नहीं है मामले की जानकारी होने के बाद एक टीम को गुप्त रूप से यहां भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई रिपोर्ट में लगभग तीन माह का समय लगेगा रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाई निश्चित होगी, शहर की संचालित खदानों को बंद करना कोई उपाए नहीं है वह एक दिन का काम है, लेकिन भारत सरकार के दिशा निर्देशो का पालन नहीं करना केवल उत्पादन को बढ़ावा देना बढ़ी उपलब्धि नहीं होती। इससे पहले लगभग 20 वर्ष पुर्व एक बार और आना हुआ था जिस समय यह आग एक चिंगारी जैसी थी जिस पर कड़ाई से सुरक्षा व्यवस्था की बात कही गई थी लेकिन एसईसीएल द्वारा कोई पहल नहीं की गई जिसका खामियाजा आज हम सब को दिखाई दे रहा है जो बड़ी लापरवाही हो बयान करती है उन्होंने कहा की माइंस की रूल रेगुलेशन के हिसाब से तो सुरक्षा में चूक यहां की चिरिमिरी एसईसीएल कर रही है, संपुर्ण राज्य में लगभग 20 जिले है जहा मेरे द्वारा दौरा किया गया है यह मेरे क्षेत्र अधिकार में दिया गया है कमियां हर जगह होती है लेकिन उन्हें सुधारने का मौका एक बार मिलना चाहिए इस लिए एक बार हिदायत देते हुए कमियों को जल्द से जल्द दूर करना एसईसीएल की प्राथमिकता है जांच रिपोर्ट में कुछ गलतिया थी तो कुछ अच्छाई भी दिखी है जिसमे रीजनल हॉस्पिटल से बाकि अस्पतालों को सीख लेने की जरुरत है व्यवस्ताओ के आभाव में अच्छी चिकित्सा व्यवस्था देना बड़ी बात है । इस जांच में किसी एक व्यक्ति विशेष को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता इसमें एसईसीएल का मुख्यालय भी जिम्मेदार है जिसमे आज तक कोई पहल नहीं की इस मामले को गंभीरता से लेकर हमारी टीम ने हर बिंदु पर जांच की है जिसकी रिपोर्ट अपने तीन हेड ऑफिस नागपुर,धनबाद,दिल्ली मंत्रालय भारत सरकार को भेजी जाएगी उनके आदेश पर आगे की कार्यवाई को अंजाम दिया जाएगा ।
एक बार और आपको बता दे की शहर में संचालित एसईसीएल चिरिमिरी एजेंसी द्वारा शहर के बड़ी बाजार स्थिति चिरिमिरी खुली खदान का संचालन किया जा रहा है जिसमें लगभग अरबो टन से अधिक कोयले को स्टोर कर अलग – अलग समय में टेंडर के माध्यम से कोयले का उठाव कराया जा रहा है, जिसमे लगभग तीन महीने से आग लगी हुई है जिस कारण लगभग 50 लाख टन से अधिक कोयला जल चूका है और एसईसीएल की कई महंगी मशीनों सहित कई गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया था उसी तारतम्य में बीते माह 3 मई को उस आग को बुझाने में एक ठेका श्रमिक सहित दो एसईसीएल श्रमिकों भी बुरी तरह झुलस गए थे जिसमे एक सप्ताह इलाज के बाद गंभीर अवस्था में झुलसे ठेका श्रमिक की मौत हो गई थी।
