उत्तर प्रदेश /
के मुजफ्फरनगर में खतौली के निकट पुरी-हरिद्वार के बीच चलने वाली उत्कल एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 23 लोगों के मारे जाने की जबकि 100 लोगों के घायल होने की खबर है। ट्रेन पुरी से हरिद्वार जा रही थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है जबकि एडीएजी लॉ एंड ऑर्डर घटनास्थल पहुंच गए हैं। दिल्ली से एनडीआरएफ की चारों टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं, जिसमें 200 जवान शामिल हैं। मेरठ एवं मुजफ्फरनगर से रेस्क्यू दल भी घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं। एनआईए की टीम भी घटनास्थल पर गई है जो आपराधिक नज़रिए से घटना की तफ्तीश कर रही है। इस बीच जिन लोगों को देहरादून या हरिद्वार जाना था उनको प्रशासन ने विशेष वाहनों और बसों से रवाना कर दिया है। लोगों की जानकारी और सहायता के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। रेलवे पुलिस का नंबर- 131-2437160, एसडीएम खतौली का नंबर- 9454417008, रेलवे कंट्रोल रूम का नंबर- 0131-2645238 है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर मुजफ्फरनगर हादसे पर दुख जताया है, उन्होंने ट्वीट में कहा है- यूपी में ट्रेन के पटरी से उतरने से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। घायलों को बचाया जा रहा है और राहत प्रदान की जा रही है।
मुजफ्फरनगर हादसे के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया है, उन्होने कहा कि मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने पर बेहद दुखी हूं। मेरी संवेदनाए मृतकों के परिजनों के प्रति हैं। मैं घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं। स्थिति पर रेल मंत्रालय कड़ी नजर बनाए हुए है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी ट्वीट किया। उन्होने ट्वीट में कहा कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य यातायात को राहत और बचाव कार्य पर नजर रखने के लिए कहा है। मै खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हूं।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दुर्घटना में मारे गए परिजनों को 3.5-3.5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रूपये सहायता राशि देने की घोषणा की है। मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।
मुज़फ्फरनगर में हुए रेल हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताते हुए प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। योगी ने कहा कि वे रेल मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं।
कई ट्रेनों का रूट बदला –
ट्रेन हादसे के चलते रेल यातायात प्रभावित हो गया। दिल्ली से हरिद्वार और सहारनपुर जाने और आने वाली ट्रेनों का रुट बदल दिया गया। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अहमदाबाद मेल, देहरा- बांद्रा, शताब्दी एक्सप्रेस का रूट बदलकर वाया शामली-दिल्ली से चलाया गया। गोल्डन टेंपल को वाया पानीपत के रास्ते निकाला गया। कैंट स्टेशन पर खड़ी जनशताब्दी एक्सप्रेस को तीन घंटे बाद वापस करके वाया हापुड़-गजरौला से भेजा गया। इस दौरान रेल यात्रियों को समस्याओं से जूझना पड़ा। उधर, नंदा देवी एक्सप्रेस और छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का रूट भी बदल दिया गया है। उधर, खतौली में शाम को ट्रेन हादसा होने के चलते दिल्ली से चलकर जम्मू जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस करीब ढाई घंटे कैंट स्टेशन पर ही खड़ी रही। ट्रैक प्रभावित होने से आखिरकार ट्रेन को वापस सिटी रेलवे स्टेशन पर रात्रि 8:10 बजे लाया गया। यहां से शालीमार को वापस दिल्ली से वाया शामली होते हुए जम्मू के लिए रवाना किया गया। रेल यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रेन में बैठे यात्री भी घटना की जानकारी लेने के लिए बेहद परेशान दिखे।
राहत व बचाव कार्य जारी –
युद्धस्तर पर राहत और बचाव का काम शुरु कर दिया गया। दुर्घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन जहां दुर्घटना हुई है वहां शुक्रवार की रात ट्रैक में क्रैक था, जिसकी सुबह से ही मरम्मत का काम चल रहा था। यहां से कई ट्रेनों को कासन के साथ धीमी गति से चलाया गया, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि उत्कल एक्सप्रेस की गति काफी तेज थी। हादसा इतना जबरदस्त था कि तीन बोगियां एक दूसरे के ऊपर चढ़ गईं। दो बोगी ट्रैक से उतरकर तिलकराम इंटर कालेज की दीवार से टकराकर रुकीं।
बोगी मकान में घुसी –
ट्रेन की एक बोगी जगत कालोनी गेट के पास स्थित चौधरी जगत सिंह के मकान में घुस गई। यहां से पांच-छह घायलों को निकालकर अस्पताल भिजवाया गया। छह बोगी इंजन के साथ आगे चली गईं, करीब एक किलोमीटर आगे जाकर चालक ने ट्रेन को रोका। हादसे के बाद ट्रेन में सवार यात्रियों में चीख पुकार मच गई। लोगों ने बोगियों से निकाल कर सभी घायलों को सांमुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया यहां 12 लोगों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मृतकों में सात महिलाएं और एक बच्ची भी है। इसके अलावा यहां लाए गए 81 घायलों को प्राथमिक उपचार किया गया। इनमें से कुछ गंभीर घायलों को बेगराजपुर मेडिकल कालेज और मेरठ मेडिकल कालेज अस्पताल भेज दिया गया। कुछ को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।