कोरिया / प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास, वाणिज्यिक मंत्री और कोरिया जिले के प्रभारी अमर अग्रवाल आज कोरिया जिले के दौरे पर थे। वे कृषि उपज मंडी परिसर छिंदडांड में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के जिला स्तरीय ‘संकल्प से सिद्धि’ सम्मेलन में शामिल होने आए थे। जहां उनसें नपा बैकुण्ठपुर के पुर्व अध्यक्ष शैलेष शिवहरे, नपा नेता प्रतिपक्ष सुभाष साहु व अन्य साथियों ने सौजन्य मुलाकात की और स्थानीय बिल्डर द्वारा किए गए जमीन घोटाले की जानकारी दी व मामले से सम्बन्धी दस्तावेज सहित ज्ञापन भी सौपा।
आपको बता दे कि इस सौजन्य मुलाकात के दौरान शिकायतकर्ताओं द्वारा बताने के अनुसार तलवापारा और जिला जेल की जमीन में हुए फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। इसके अलावा बिल्डर संजय अग्रवाल के खिलाफ खादी ग्रामोद्योग बोर्ड मामले में चरचा थाने में मामला पंजीबद्ध होना बताया गया व साथ ही सिटी कोतवाली बैकुंठपुर में प्रेमाबाग जमीन मामले में मामला पंजीबद्ध होना बताया गया। लेकिन अभी तक बिल्डर को गिरफ्तार नही किया गया है। इस बात की जानकारी देते हुए मंत्री अग्रवाल से शिकायतकर्ताओं द्वारा बिल्डर की जल्द से जल्द गिरफतारी की मांग की गई है।
ये है ताजा मामला –
बिल्डर संजय अग्रवाल के द्वारा ग्राम रामपुर स्थित कृषि भूमि खसरा क्रं. 20, रकबा 1.902 हे0 में से रकबा 1.045 हे0 भूमि के बदले ग्राम तलवापारा मॉडल स्कूल ओड़गी नाका के समीप स्थित शासकीय भूमि खसरा क्रं. 285 एवं 286, रकबा 1.045 हे0 भूमि की अदला-बदली की गई। इस सम्बन्ध में तात्कालिक अपर कलक्टर के द्वारा दिनांक 21 अप्रेल 2014 को नियम विरूद्ध भूमि अदला-बदली का आदेश पारित किया गया था।
उक्त शासकीय भूमि नेशनल हाईवे 43 के किनारे के समीप स्थित है वर्ष 2013 में विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह के द्वारा विवाह घर बनाने की घोषणा इसी स्थल के लिए की थी। जिसके बाद नगरपालिका परिषद बैकुन्ठपुर द्वारा उक्त शासकीय भूमि पर विवाह घर बनाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव पारित करते हुये नक्शा/खसरा आदि समस्त कागजात शासन के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
इस पुरे मामले में यह बात जानने के बावजूद कि उक्त भूमि शासकीय है संजय अग्रवाल के द्वारा तात्कालीन अपर कलक्टर कोरिया एडमंड लकड़ व तात्कालीन ओड़गी के पटवारी सेवकराम मरावी, बैकुन्ठपुर हल्का पटवारी फरीद खान के साथ सांठ-गांठ कर शासन के नियम विरूद्ध शासकीस भूमि को निजी भूमि में बदला गया। इस पूरे मामले में दोनों पटवारी फरीद खान व सेवकराम मरावी की अहम भूमिका रही शासकीय भूमि और निजी भूमि के बाजार मूल्य में भी गड़बड़ झाला दिखाई पड़ा।
