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HC ने PMO पर लगाया पांच हजार रुपये का हर्जाना

लखनऊ / इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। यह जुर्माना नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) रिपोर्टों पर कार्रवाई की मांग से सम्बंधित जनहित याचिका पर आदेश के बावजूद जवाबी हलफनामा न दाखिल करने पर लगाया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की पीठ ने सुनील कांदू की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।

याची के मुताबिक याचिका में केंद्र सरकार द्वारा कैग की मात्र दस रिपोर्टों पर संज्ञान लेने का मुद्दा उठाया गया है, जबकि कैग प्रतिवर्ष पांच हजार रिपोर्ट केन्द्र को देती है। याची ने बताया कि याचिका में कैग के सुधार सम्बंधी मुद्दा के साथ-साथ प्रदेश में महालेखाकार द्वारा पिछले दस वर्षों में लगाए गए लेखा परीक्षा आपत्तियों पर कोई कार्रवाई न होने का मुद्दा भी उठाया गया है।

याचिका पर 9 जनवरी को सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि 1 अगस्त 2017 को ही प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद अभी तक जवाब दाखिल नहीं हुआ। सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पीएमओ एंव विधि मंत्रालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। इस पर अदालत ने पांच हजार रुपये के हर्जाने की शर्त के साथ तीन सप्ताह का मौका दिया है।

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