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धर्म की हो रही हानि रोकने राजिम कुंभ पुनित कार्य – शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती

** राजिम कुंभ के संत समागम में जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने दी राजिम कुंभ को मान्यता
** 3 लाख 61 हज़ार दीपों से संतो का हुआ अभिनंदन, बना विश्व कीर्तिमान।
रायपुर / जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी की उपस्थिति में राजिम कुंभ कल्प में संत समागम का भव्य और दिव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्य मंच से अपनी अमृतवाणी की वर्षा करते हुए उपस्थित लोगों को आशीर्वचन दिया।

उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ में सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए काम हो रहे है। धर्म की हो रही हानी रोकने के लिये इससे पुनीत कार्य कोई दूसरा नही हो सकता। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम 4 पीठों के शंकराचार्यों को भगवान शंकराचार्य के स्वरूप की मान्यता सनातन धर्म मे मिली है। अगर मुझे इस रूप में समाज स्वीकार करता है तो इस नाते मैं भी इस आयोजन को कुंभ के रूप में प्रमाणित करता हूँ। साथ ही कहा कि देश के अन्य राज्यों की सरकारें भी ऐसा ही आयोजन करें ताकि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सुरक्षित रखा जा सके। आज संत समागम की खास बात यह भी रही कि आज कुंभ में पधारे संत महात्माओं के अभिनंदन, विश्व शांति और छत्तीसगढ़ की समृद्धि के लिए साढ़े तीन लाख 61 हज़ार दिये प्रज्वलित किये गए थे। यह विश्व कीर्तिमान था। शंकराचार्य जी के समक्ष गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड के एशिया हेड डॉ मनीष बिश्नोई से इसका प्रमाणपत्र मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और धर्मस्व, जल संसाधन सचिव सोनमणि वोरा ने ग्रहण किया। इससे पहले 2 लाख दियों का कीर्तिमान सिंहस्थ कुंभ उज्जैन में रचा गया था।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने उनका आशीर्वाद लेकर समृद्ध छत्तीसगढ़ की प्रार्थना की। साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे, पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर, महिला बाल विकास मंत्री रमशीला साहू, गुंडरदेही विधायक आरके राय, जगदलपुर विधायक विधायक संतोष बाफना, गरियाबंद विधायक गोवर्धन मांझी, संतोष उपाध्याय, संसदीय सचिव तोखन साहू, महासमुंद विधायक विमल चोपड़ा, पंडरिया विधायक, मोतीराम चंद्रवंशी, केराबाई मनहर,डोंगरगढ़ विधायक सरोजनी बंजारे, श्रवण मरकाम, विद्यारतन भसीन, नवीन मारकंडे, श्यामबिहारी जायसवाल, बिरगांव महापौर अम्बिका यदु, केदारनाथ गुप्ता, रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष शारदा वर्मा, गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष स्वेता शर्मा, रघुनंदन साहू ने भी जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी का चरणवंदन कर आशीर्वाद लिया।

उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि संतो की कृपा छत्तीसगढ़ पर बनी हुई है इसलिए यह नौनिहाल छत्तीसगढ़ विकास की राह पर तेजी के साथ बढ़ रहा है। उन्होंने संतो से आग्रह करते हुए कहा कि आप संत महात्माओं का आशीर्वाद इसी तरह बना रहे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार धर्मानुरूप आचरण करती है। बिना भेदभाव के सबके साथ सबका विकास ध्येय को लेकर काम कर रही है।

धर्मस्व मंत्री बृजमोहन ने कहा कि राजिम कुंभ से सनातन धर्म का संदेश देश-दुनिया में पहुंच रहा है। उपस्थित संत-महात्मा हमे आशीर्वाद प्रदान करें कि हम अपनी धर्म-संस्कृति के अनुरूप और बेहतर कार्य कर सके।

महात्मा गांधी राष्ट्रपिता नही पुत्र
जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी ने कहा कि क्या महात्मा गांधी के पहले भारत देश नही था? अगर था तो वे पिता क्यों कहे जाते है। ऐसा कहना अनुचित है। उन्हें राष्ट्रपुत्र कहा जाये तो बेहतर होगा।

आज की पीढ़ी को पढाओं रामायण-महाभारत
शंकराचार्य जी ने कहा कि आज महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे है। कठोर से कठोर बन रहे कानून से कोई फर्क नही पढ़ रहा है। समाज और ज्यादा दूषित हो रहा है। ऐसे में आज की पीढ़ी को धर्म की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए,उन्हें रामायण और महाभारत पढ़ाये ताकि जान सके नारी शक्ति का अपमान या बुरा कर्म करने से पूरे कुल का विनाश कैसे होता है।

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