रिपोर्ट – ए बी सिद्दकी…
** बंद को मिला सभी व्यापारियों का समर्थन, पान ठेला से लेकर होटल सहित सभी दुकाने है पूरी तरह से बंद
** कल हल्दीबाड़ी व्यापार संघ ने मानव श्रृंखला बनाकर व मशाल जुलूस निकालकर किया सुभाष देवनाथ के आमरण अनशन का समर्थन
** झगराखांड व लेदरी में हो रहे पलायन एवं यहां नए उद्योग लगाने की मांग को लेकर 64 वर्षीय समाजसेवी सुभाष देवनाथ 04 फरवरी से हल्दीबाड़ी चौक में बैठे है आमरण अनशन पर
कोरिया / चिरमिरी – गुरुवार को हल्दीबाड़ी व्यापार संघ ने चिरमिरी के अस्तित्व को लेकर पिछले 4 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे सुभाष देवनाथ के समर्थन में हल्दीबाड़ी बंद किया। व्यापार संघ के इस आयोजन का हल्दीबाड़ी के सभी छोटे बड़े व्यापारियों ने खुलकर अपना समर्थन किया। जिसका परिणाम यह रहा कि गुरुवार की सुबह से ही हल्दीबाड़ी की सभी छोटी बड़ी दुकाने जिसमे पान के ठेलो से लेकर होटल तक पूरी तरह से बंद रहे।
वही दोपहर 1 बजे तक किसी प्रशासनिक अधिकारी के मौके पर नही पहुचने से नाराज हल्दीबाड़ी व्यापार संघ ने टाकीज रोड के पास चक्का जाम कर दिया। जो समाचार लिखे जाने तक जारी है।
इससे एक दिन पूर्व बुधवार की शाम लगभग 6 बजे हल्दीबाड़ी व्यापार संघ ने विशाल मानव श्रृंखला बनाकर तथा मशाल जुलूस निकालकर पिछले तीन दिनों से चिरमिरी, झगराखांड व लेदरी में हो रहे पलायन एवं यहां नए उद्योग लगाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे 64 वर्षीय बुजुर्ग समाजसेवी सुभाष देवनाथ का समर्थन किया। इस दौरान हल्दीबाड़ी के लगभग सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों से निकलकर सुभाष दादा के आंदोलन का समर्थन किया। वहीं हल्दीबाड़ी व्यापार संघ ने सुभाष देवनाथ के आंदोलन के समर्थन में कल गुरुवार को हल्दीबाड़ी बंद करने का निर्णय लिया है।
ज्ञात हो कि 64 वर्षीय समाजसेवी सुभाष देवनाथ 04 फरवरी से चिरमिरी, झगराखांड व लेदरी में हो रहे पलायन एवं यहां नए उद्योग लगाने की मांग को लेकर हल्दीबाड़ी के टाकीज तिराहे में आमरण अनशन कर रहे है। उनकी मांगों में से प्रमुख बंद कोयला खदानों को खोलने, चिरमिरी, झगराखांड व लेदरी से पलायन रोकने, पलायन रोकने के लिए नए उद्योग खोलने, हॉस्पिटलों में अत्याधुनिक मशीनों को लगाने, शिक्षा व्यवस्था को दुरस्त करना आदि है।

ज्ञात हो कि लगभग एक साल पहले सुभाष देवनाथ ने इन्ही मांगो को लेकर 17 मार्च 2017 को हल्दीबाड़ी के टेक्सी स्टेण्ड में आमरण अनशन किया था। अनशन के 5 दिनों के बाद छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के आश्वासन के बाद 21 मार्च को एसडीएम चिरमिरी दशरथ सिंह राजपूत ने सुभाष देवनाथ का अनशन तुड़वाया था। 22 मार्च को रायपुर में हुई मुलाकात में डॉ रमन सिंह ने सुभाष देवनाथ की सभी मांगो पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। लेकिन लगभग एक साल बीतने के बाद भी मांग पूरी नही होने पर समाजसेवी सुभाष देवनाथ एक बार फिर से आमरण अनशन पर है।
