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गोंगपा ने पत्थरगढ़ी मामले में निकाली विशाल रैली, प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

सूरजपुर से अजय लाल की रिपोर्ट / गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की संभागीय इकाई के अध्यक्ष जय नाथ सिंह केराम के नेतृत्व में पत्थरगढ़ी को लेकर देवीपुर से रंगमंच मैदान तक विशाल रैली निकाली गई। इस दौरान उन्होंने 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा। आपको बता दे की गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के काफी प्रयास के बाद भी प्रशासन ने रैली को शहर में घुसने नही दिया।

गौरतलब है कि पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में पत्थरगढ़ी की उपयोगिता और महत्व को प्रकट करते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने संवैधानिक नियमों का पालन करने पत्थरगढ़ी का विरोध करने वाले राजनीतिक व्यक्तियों की गिरफ्तारी करने पत्थरगढ़ी के समर्थन में आंदोलन करने वाले अधिकारियों व कार्यकर्ताओं की निःशर्त रिहाई करने, पत्थरगढ़ी पर विधि विशेषज्ञों के द्वारा उसकी व्याख्या को लेकर संवैधानिक चर्चा करने संबंधी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय सूरजपुर में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा प्रदान किया गया।

इस दौरान देवीपुर से रंगमंच मैदान तक रैली निकाली गई और रंगमंच मैदान में आम सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने पांचवी अनुसूची क्षेत्र में लागू नियमों को मजबूत बनाने पत्थरगढ़ी शिलालेख की सुरक्षा करने और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13, 19, 244 एवं पांचवी अनुसूची के उपबंधों से शासित होने वाले पंचायतों को मजबूत बनाने जैसे विषयों पर विस्तृत बयान दिए गए।

इस दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संभागीय अध्यक्ष जय नाथ सिंह केराम ने जशपुर जिले के ग्राम पंचायत बटुंगा का जिक्र करते हुए वहां स्थापित पत्थरगढ़ी को जबरन तोड़ने व आदिवासी समाज को जातिगत गाली गलौज करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पुरजोर ढंग से की। साथ ही उन्होंने जशपुर जिले में राजनीतिक दबाव में आकर पत्थरगढ़ी में अगुवाई कर रहे लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किए जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए तत्काल निशर्त रिहाई की मांग की है।

आंदोलन के मद्देनजर की गई थी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

पूरे प्रदेश में पत्थरगढ़ी को लेकर चल रहे आंदोलन और जिला मुख्यालय सूरजपुर में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा आंदोलन को लेकर की गई तैयारी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, रंगमंच, कलेक्टोरेट, एस डी एम कार्यालय, चौक – चौराहे और पूरे शहर में पुलिस बल तैनात कर छावनी बना दी गई थी, जिले के सभी विकासखंड मुख्यालयों में आंदोलन के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

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