अंबिकापुर के शिक्षाकर्मी संविलियन को लेकर आर पार के मूड में नजर आ रहे हैं । रायपुर में आयोजित महापंचायत में विधानसभा स्तरीय संकल्प सभा आयोजित करने का निर्णय लिया गया। संकल्प सभा के पहले ही शिक्षाकर्मियों ने अनूठी मुहिम छेड़ दी है अब दीवारों पर ‘विधानसभा मिशन – हमारा संविलियन ‘ लिख समुदाय के साथ सेल्फी लिया जा रहा है। सरगुजा जिले के मैनपाट अंचल से आरम्भ हुआ यह मुहिम देखते ही देखते सुदूर बस्तर तक पहुच गई है और आज अब पूरे प्रदेश में शिक्षाकर्मी आगे बढ़ कर इससे जुड़ रहे हैं। प्रदेश भर में न केवल पुरुष शिक्षक बल्कि महिला शिक्षिकाएं भी आगे बढ़ कर स्वयं वाल पेंटिंग कर रही हैं।
शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश सह सँचालक हरेंद्र सिंह ने बताया कि संविलियन की लिहाज से शिक्षाकर्मी मौजूदा वक्त में अब तक की सबसे अहम लड़ाई लड़ रहे हैं । हर दिन नये आइडिया के साथ शिक्षाकर्मी अपने आंदोलन में धार और मुहिम में आम लोंगो को जोड़ते जा रहे हैं , जाहिर है आंदोलन का मुहीम बनना ही सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
हरेंद्र सिंह ने बताया कि महापंचायत में हुए फैसले के बाद 26 मई को संकल्प सभा मनाएंगे। प्रत्येक विधानसभा मुख्यालय में संकल्प सभा का आयोजन होगा। पर उससे पहले मोर्चा के संचालक संजय शर्मा के आह्वान पर पूरे प्रदेश में ‘विधानसभा मिशन, हमारा संविलियन ” अभियान चल रहा है। मोर्चा के जिला संचालक मनोज वर्मा ने बताया कि अधिकाँश विधानसभा खासकर ग्रामीण अंचल में संविलियन की मांग को लेकर शिक्षाकर्मियों ने वाल पेंटिंग प्रारम्भ कर अपनी भावनाओं और मांगों को आम जनता के बीच ले जानें का अभियान शुरू किया है। जिसे आम जनमानस का भी पर्याप्त समर्थन मिल रहा है। जनता भी शिक्षाकर्मियों की मांगों से जुड़कर उनके साथ सेल्फी ले रही है। वाल पेंटिंग के साथ साथ लोग वोटिंग फिंगर शो कर ये संकेत दे रहे है कि ‘अबकी बार… संविलियन वाली सरकार’।
छत्तीसगढ़ पंचायत न.नि. मोर्चा के मीडिया प्रभारी और मोर्चा के जिला सह संचालक ने कमलेश सिंह ने मैनपाट से “दीवाल लेखन” के मुहिम की शुरुआत करते हुए प्रदेश भर के शिक्षाकर्मियों से आग्रह किया कि वे आगे बढ़ कर इस मुहिम से जुड़ें और संविलियन की लड़ाई में हाँथ बटाएं ,उन्होनें यह भी कहा ही इस बार की लड़ाई निर्णायक है जो मोर्चा के साथ ही संभव है।