जगदलपुर / छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्म समर्पण नीति से प्रभावित, पुलिस द्वारा चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान से दबाव में आकर व जनजागरण अभियान से प्रेरित होकर, समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की इच्छा, आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडरों की प्रताडऩा एवं भेदभाव से प्रताडि़त होकर 8 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित सभी माओवादी जनमिलिशिया सदस्य हैं और छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं।
बस्तर आईजी विवेकानंद सिंहा एवं एसपी डी श्रवण ने बताया कि समर्पितों में 4 महिला नक्सली भी शामिल हैं। ये नक्सली संगठन में वर्षों से काम कर रहे थे। समर्पण करने वालों में सनकु उर्फ पाण्डे बारसूर कमेटी सदस्य, इनामी 10 हजार, जयमती उर्फ रिंकी कुदुर जनमिलिशिया सदस्य इनामी 1 लाख, असंती उर्फ प्रमिला कुदुर जनमिलिशिया सदस्य, मनती कश्यप कुदुर जनमिलिशिया सदस्य, बिसुराम कुदुर जनमिलिशिया सदस्य, बीसनाथ कुदुर जनमिलिशिया सदस्य, मसुराम तुमड़ीवाल जन्मीलिशया सदस्य, देवली कुहराम सीएनएम सदस्य शामिल है।
इन नक्सलियों के खिलाफ हत्या, आईईडी लगाना, फोर्स पर हमला वाहनों पर आगजनी, खाद्य सामग्री लूटना, ग्रामीणों की मीटिंग लेकर पुलिस खिलाफ भडक़ाना जैसे मामले दर्ज है।
समर्पित नक्सलियों का कहना है कि नक्सली उन्हें तथा गाँववालों को प्रताडि़त करने लगे हैं, शासन की पुनर्वास नीति एवं गांव-गांव में चलाये जा रहे सामुदायिक पुलिसिंग से प्रभावित होकर, इन्होंने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। आज इन सभी 8 नक्सलियों ने समर्पण कर नक्सलियों के साथ काम न करने की बात कही साथ ही – संगठन में काम कर रहे अन्य युवाओं को भी मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
अधिकारियों ने कहा कि युवा धीरे-धीरे मुख्यधारा में लौट रहे है, यह एक अच्छा संकेत है। दरभा, मारडूम और उसके आसपास के इलाकों के ग्रामीणों का नक्सलियों के प्रति मोहभंग हो रहा है। वो दिन दूर नही जब पूरा बस्तर नक्सलियों के आतंक से मुक्त हो जायेगा और एक सुंदर बस्तर की तस्वीर सामने नजर आएगी। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में 511 नक्सली समर्पण कर चुके है। शासन की नीति के तहत इन्हें 10-10 हजार की सहायता राशि प्रदान की गई।
