00 नक्सली गाँव कोनगुड से ग्राउंड रिपोर्ट विजय शर्मा
कोण्डागांव / के कोनगुड में सन 2007 में नक्सलीयो ने यहां के स्कुल भवन को विस्फोट से उडा दिया था 11 वर्ष बाद प्रशासन ने बढाया ग्रामिणो का हौसला पुल सडक बनाने के बाद अब जहां हुआ था विध्वंस वहां टुटे स्कुलो से भवन के निचे गांव की महिलाऐ जिले में हो रहे निर्माण कार्यो के लिये इसी खंडहर किये स्कुल में बना रही है। इटे 4 महिला समुहो की 40 महिलाऐ अब इसी टुटे भवन में इटो का निर्माण कर गांव के स्कु के पुर्ननिर्माण के साथ जिले भर में भेज रही इटे खुद तो हो रही आत्मनिर्भर और समाज के साथ विध्वंस करने वालो को भी दे रहे ये संदेश की विध्वंस करना आसाना है पुननिर्माण में वर्षो लग जाते है।
क्या वजह यही स्कुल चुना – महिलाओ का कहना था कि हमने स्वंय 11 वर्ष पुर्व हुये स्कुल क विस्फोट को रोज देखते थे और दुख होता था जब जिला प्रशासन ने प्रस्ताव रखा की आप ईट निर्माण की ईकाई शुरू करो तो हमने एकमत होकर कहा अब इसी टुटे स्कुल के निचे हम ईट निर्माण करना चाहेगें प्रशासन के प्रयास और हमार मेहनत से कार्य शुरू हुआ है। अब अच्छी आमदनी हो रही इट बनाने मे पहले ही आर्डर आ जाता है। डिमान्ड बहुत है हम खुश है प्रति हजार हमे 4 हजार मिल रहे ।
दिवारो पर लिखे 11 साले पुराने संदेश देने नारो की चितार्थ कर रही ये महिलाये जो स्कुली छात्रो के लिये लिखे थे जो कत्वर्य से बचना है वो लाभ से वंचित रहता है दुसरो के साथ वो व्यवहार ना करो तो तुम्हे अपने साथ पंसद नही प्रार्थना से मनुराम को शांती जय मां शारदा, नारी शक्ती समुह, साीमा बघेल रमीला सनबती, बुधबती, बिसोन, जमुना, सुलोचना, सुरेखा, लछनी।
अच्छी पहल – जय मां शारदा समूह, नारी शक्ति समूह महिलाओ सीमा बघेल, रमिता, बुधबती, सनिता, बिसोन, जमुना, सुलोचना, सुरेखा और लक्ष्मी की अच्छी पहल कहा इस टुटे स्कुल से हमारा भी दर्द जुडा है रोज यहां सुबह से शाम इटे बनाते है और बाकी जगह के लिये 1000 हजार ईट चार हजार और स्कुल भवन के लिये 3400 हजार मे दे रहे है। इस राशी से हमें लगेगा हमने भी अपना कुछ सहयोग दिया जो हम से बन पड़ा इस लिए स्कूल के लिए इटो का कम रेट लेते है प्रशासन के साथ हम भी खड़े है
निलकंठ टेकाम कलेक्टर – साल भर पहले इस गांव तक जाने सड़क पुलिया नही थी अब वहां पूल पुलिया सड़क बनी हैं। वहां की महिलाओं की लगन देख हमने समूह बना ईट निर्माण शुरू करवाया हैं। वों भी एैसे नक्सलीयों द्वारा विस्फोट से तोड़े भवन में निर्माण कार्य कर बदलाव की कहानी लिख रही हैं।