रायपुर / छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू आज दोपहर 12 बजे से एक बजे तक फेसबुक, ट्वीटर और यू-ट्यूब पर एक घंटे तक लाइव रहे। इस दौरान उन्होंने अनेक मतदाताओं के सवालों के जवाब दिए और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाताओं के बीच बेहतर पहुंच बनाने और आगामी विधानसभा निर्वाचन में मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लोगों से रू-ब-रू हुए। फेसबुक, ट्वीटर और यू-ट्यूब के माध्यम से हजारों लोग उनसे जुड़े और निर्वाचन की तैयारी, प्रक्रियाओं एवं व्यवस्थाओं के बारे में सवाल पूछे। लाइव के दौरान अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एस. भारतीदासन और संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी समीर विश्नोई सहित निर्वाचन कार्य से जुड़े सोशल मीडिया विंग के अधिकारी और तकनीकी स्टॉफ भी मौजूद थे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने फेसबुक, ट्वीटर और यू-ट्यूब पर लाइव के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ में आगामी 12 नवम्बर और 20 नवम्बर को दो चरणों में मतदान होगा। निर्वाचन कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदाता सूची में नाम जुड़वाएं। मतदान के दिन निर्भीक होकर, किसी प्रलोभन या दबाव में आए बिना अपने मताधिकार का प्रयोग करें। भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित कराने सभी जरूरी नियंत्रण एवं निगरानी की जा रही है।
श्री साहू ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के लिए प्रदेश में पहली बार इस्तेमाल हो रहे ऑनलाइन मोबाइल एप सी-विजिल के बारे में भी मतदाताओं को विस्तार से बताया। उन्होंने जानकारी दी कि इस एप का उपयोग कर कैमरा वाले किसी भी एंड्राइड आधारित स्मार्टफोन से थ्री-जी या फोर-जी कनेक्शन के जरिए आचार संहिता के उल्लंघन की गतिविधि का फोटो खींचकर या वीडियो बनाकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शिकायतकर्ता को एप के माध्यम से ही 100 मिनट में उनकी शिकायत पर हुई कार्यवाही के बारे में जानकारी मिल जाएगी। प्रदेश में 16 अक्टूबर से पहले चरण के लिए नामांकन का प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही यह एप काम करना शुरू कर देगा। इसे गुगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
फेसबुक और ट्वीटर पर लाइव के दौरान मतदाताओं ने निर्वाचन के दौरान कानून-व्यवस्था, आदर्श आचार संहिता, निर्वाचन व्यय, नामांकन प्रक्रिया, मतदाता सूची संशोधन एवं नया नाम जुड़वाने, मतदाता परिचय पत्र, मतदान दल के लिए व्यवस्था, प्रत्याशियों एवं राजनीतिक दलों द्वारा सोशियल मीडिया के उपयोग, प्रचार, संपत्ति विरूपण की कार्रवाई, दिव्यांगों के लिए मतदान केन्द्रों पर व्यवस्था, डाक मतपत्र की व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं वीवीपैट से जुड़े अनेक सवाल पूछे।
प्रेस कान्फ्रेंस एक नजर पर —
- विधानसभा निर्वाचन – 2018 हेतु राज्य में कुल2468 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 2468 सेक्टर, 318 कुलउड़नदस्ता दल, कुल 374 स्थैतिक निगरानी दलकार्य कर रहे हैं।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा – 28 (क) के अधीन अधिकारी/कर्मचारी निर्वाचनकार्यक्रम घोषित होने से लेकर निर्वाचन कार्यक्रमसमाप्ति तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति परसमझे जाऍंगे और उस समय तक सभी निर्वाचनआयोग के अधीन होते हैं और उनके नियंत्रण,पर्यवेक्षण में कार्य करते हैं।
- विधानसभा निर्वाचन – 2018 को दृष्टिगत रखतेहुए छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभागद्वारा निर्देशित किया गया है कि विभिन्न विभागों केजिला प्रमुखों एवं समकक्षीय अधिकारियों काकिसी भी प्रकार का अवकाश कलेक्टर व जिलानिर्वाचन अधिकारी की लिखित अनुशंसा उपरांतही स्वीकृत किया जा सकेगा अन्यथा नहीं।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 (1) के अनुसार लोकसभा या विधानसभा केअभ्यर्थी के लिये नामांकन की तारीख से परिणामकी घोषणा की तारीख (जिसमें दोनों तारीखशामिल) के मध्य किये गये व्ययों का पृथक व सहीव्यय लेखा रखना अनिवार्य है।
- उपरोक्त व्यय का कुल योग धारा 77 (3) में अधीननिर्धारित राशि से अधिक नहीं होना चाहिए।
- छत्तीसगढ़ में व्यय सीमा विधानसभा निर्वाचन हेतु28 लाख एवं लोकसभा निर्वाचन हेतु 70 लाख है।
- यह आवश्यक होगा कि प्रचार अवधि में ROद्वारानिर्धारित किये अनुसार प्रत्याशी कम-से-कम तीनबार अपने व्यय लेखा की जॉंच करायेंगे।
- सभी प्रत्याशी परिणाम घोषणा के तीस दिन केभीतर अपना निर्वाचन संबंधी, सम्पूर्ण व्यय लेखाजिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
- व्यय लेखा में क्या-क्या देना होता है:-
- Day to day account register (with all bills and vouchers in
chronological order signed by candidate.)
- Cash Register
- Bank Register (Certified Copy of Bank Account)
- Abstract Statementलेखा सार ( Part-I to IV)
- शपथ पत्र ।
- बैंक खाता नामांकन से कम-से-कम एक दिन पूर्वखोला जाना आवश्यक होगा।
- स्टॉर कैम्पेनर- प्रत्येक पंजीकृत मान्यता प्राप्तराष्ट्रीय व राज्य दल को 40 एवं गैर-मान्यता प्राप्तराजनैतिक दल के लिए 20, स्टॉर कैम्पेनर होसकते हैं।
यह सूची अधिसूचना के 7 दिन के भीतर भारतनिर्वाचन आयोग या मुख्य निर्वाचन पदाधिकारीछत्तीसगढ़ कार्यालय को देनी होगी।
- (01) यदि स्टॉर कैम्पेनर सभा में अपने भाषण मेंकिसी प्रत्याशी का नाम लेते हैं
तो खर्च प्रत्याशी के खाते में जुडे़गा।
(02) यदि प्रत्याशी मंच साझा करते हैं तो खर्च प्रत्याशी केखाते में जुड़ेगा।
(03) यदि कार्यक्रम स्थल में बैनर/पोस्टर प्रत्याशी का लगाहो तो खर्च प्रत्याशी
के खाते में जुड़ेंगे।
- कोई भी राजनैतिक पार्टी प्रचार सामग्री के राज्यभरमें परिवहन हेतु एक वाहन की अनुमतिCEOकार्यालय से प्राप्त कर सकेंगे।
- कार्यालय पदाधिकारी (OfficeBearer) हेतुसीईओ कार्यालय से पार्टी अधिकतम 03 वाहन कीअनुमति प्राप्त कर सकेगी।
- आदर्श आचार संहिता लागू होने से व्यापारी वर्ग कोआने वाले परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुयेव्यापारी संघ के प्रतिनिधि मण्डल से हुई चर्चाउपरांत जानकारी दी गई कि व्यापारी अपनापहचान पत्र साथ लेकर चलें। कोई भी व्यापारीबैंक में डिपोजिट/आहरण हेतु राशि लेकर जा रहेहैं या आ रहें हैं तो उसका डिपोजिट स्लिप याआहरण स्लिप साथ में लेकर चलें एवं राशि काविवरण या रखे गये सामग्री की विस्तृत विवरणसाथ में रखें ताकि उड़न दस्ता टीम से परेशानी नहो।
- डाले गये मतों का लेखा प्रारूप 17 (C) – मतदानकेन्द्र में मतदान दिवस के दिन मतदान समाप्ति केउपरांत एक प्रारूप 17 (C) प्रत्येक मतदानअभिकर्ता को दिया जाता है जिसमेंEVM/VVPAT मशीन के नंबर, कुल डाले गयेमतों का लेखा रहता है। समस्त राजनैतिक दलों सेअनुरोध किया गया है कि अपने मतदान अभिकर्ताको इस बात की जानकारी जरूर दें कि प्रारूप 17(C) पीठासीन अधिकारी से अवश्य प्राप्त करें।
- (i) आपराधिक पृष्ठभूमि वाले चुनाव लड़ने वालेलोगों के संबंध में याचिका पर
सर्चोच्च न्यायालय का निर्णय।
(i) फार्म 26 में संशोधन (उम्मीदवारों द्वाराहलफनामें का प्रारूप)
सभी निर्वाचन में उम्मीदवारों को नामांकन पत्र केसाथ फार्म-26 में शपथ पत्र दाखिल करना होगा,आपराधिक मामलों, सम्पतियों, देनदारियों और शैक्षणिकयोग्यता के बारे में जानकारी घोषित करना होगा। अबसंशोधित फार्म-26 में हलफनामा दाखिल करने कीआवश्यकता है।
2. वर्ष 2011 के याचिका (सिविल) क्रमांक 536 केफैसले में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय ने अन्य बातों केअतिरिक्त निम्न निर्देश दिये हैं-
i प्रत्येक निर्वाचन में उम्मीदवार निर्वाचन आयोग द्वाराप्रदान किए गए फार्म को भरेगा, फार्म में आवश्यक सभीविवरण होने चाहिए।
ii यह उम्मीदवार के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलोंके संबंध में बोल्ड अक्षरों में बताएगा।
iii यदि कोई उम्मीदवार किसी पार्टी विशेष के टिकट परचुनाव लड़ रहा है तो उसे पार्टी को लंबित आपराधिकमामलों के बारे में सूचित करना आवश्यक है।
iv संबंधित राजनैतिक दल को अपनी वेबसाइट परउम्मीदवार के आपराधिक पृष्ठभूमि संबंधित जानकारीरखने के लिए बाध्य किया जाएगा।
v उम्मीदवार के साथ-साथ संबंधित राजनैतिक दलको भी उम्मीदवार के आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारीकी घोषणा, क्षेत्र के व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रोंमें करना होगा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी व्यापक प्रसारकरना होगा। जब हम व्यापक प्रचार कहते है तो हमाराअर्थ है कि ‘‘नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कम सेकम तीन बार किया जाएगा।’’
3. उपरोक्त निर्णयों का अनुसरण करते हुए, आयोग नेचिन्तन उपरांत लोकसभा एवं विधानसभा निर्वाचन के उनउम्मीदवारों को जिनके विरूद्ध अपराधिक मामले हंै (चाहेपूर्व में अथवा लंबित हो) तथा राजनैतिक दलों जिनके वेउम्मीदवार है, को निम्नांकित निर्देश अनुपालन हेतु जारीकिए है –
(a) लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा एवं विधान परिषदके निर्वाचन के उम्मीदवार जिनके वे दोषी पाए गए है।प्रकरण दर्ज है तो इसे समाचार पत्रों में व्यापक प्रचार हेतुऐसे मामलो की घोषणा करनी होगी। यह घोषणा नामवापसी की अंतिम तिथि से मतदान की तिथि के दो दिनपूर्व के बीच, अलग-अलग तिथियों में कम से कम तीन बारसंलग्न प्रारूप सी-1 में प्रकाशित की जानी है। मामला कमसे कम 12 फॉन्ट आकार में प्रकाशित होना चाहिए औरसमाचार पत्रों में उचित रूप से डालना चाहिए ताकिव्यापक प्रचार के लिए निर्देशों का शाब्दिक व अर्थ की दृष्टिसे सही अनुपालन किया जा सकें।
उदाहरणतः यदि नाम वापसी की अंतिम तिथि महीने का10वाँ दिन है और मतदान महीने के 24वें दिन है तोघोषणा का प्रकाशन उस महीने के 11वें से 22वें दिन केबीच किया जाएगा।
(b) आपराधिक मामलों वाले सभी उम्मीदवारों कोउपर्युक्त अवधि के दौरान तीन अलग-अलग तिथियों परटी.वी. चैनलों पर उपर्युक्त घोषणा प्रकाशित करने की भीआवश्यकता है। लेकिन टी.वी. चैनलों में घोषणा के मामलेमें इसे
मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के 48 घंटे कीअवधि से पहले पूरा किया जाना चाहिए।
(c) प्रारूप -26 के मद 5 और 6 की घोषणा के अनुसारऐसे सभी अभ्यर्थियों के मामलो में जिनके आपराधिकमामले हैं समाचार पत्र और टीवी चैनल पर वृहद प्रचार केलिए आपराधिक मामलो की घोषणा के प्रकाशन के लिएनिर्देशों के संबंध में रिटर्निंग अधिकारी लिखित स्मरण पत्रदेगें। अभ्यर्थियों के
ऐसे स्मरण पत्र के लिए मानक प्रारूप C-3 में संलग्न है।अभ्यर्थी उन समाचार पत्रों की प्रतियाँ जिनमंे इस संबंध मेंउनकी घोषणा प्रकाशित है, निर्वाचन व्यय लेखों के साथजिला निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करेंगे।
(d) राजनीतिक दलो द्वारा स्थापित आपराधिकमामलो वाले उम्मीदवारों के मामले में, चाहे वह मान्यताप्राप्त पर्टियांे के हांे, ऐसे उम्मीदवारों को संबंधितरिटर्निंग आॅफिसर के समक्ष घोषित करना होगा किउन्होने अपने विरूद्व आपराधिक मामलो की सूचनाअपने राजनीतिक दल को दे दिया है। इस तरह की घोषणाके लिए नये डाले गये मद 6A में प्रावधान किये गये हंै।
4. राजनीतिक दलों- मान्यता प्राप्त दल और पंजीकृत गैरमान्यता प्राप्त दल जो आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारस्थापित करते हैं, या तो लंबित मामलों या पूर्व के सजा केमामलों को इस लंबित मामलांे की विस्तृत जानकारी देतेहुए अपने वेबसाइट पर घोषणा प्रकाशित करना होगा साथही साथ TV चैनल और राज्य मे वृहद वितरण वालेसमाचार पत्रों मेें भी प्रकाशित करने की आवश्यकता है।राजनीतिक दलांे द्वारा घोषणा प्रारूप C-2संलग्न है।समाचार पत्रों और TV चैनलों में घोषणा का प्रकाशन,उपरोक्त पैरा 2( a) में उल्लेखित अवधि के दौरान कम सेकम तीन अलग-अलग तिथियों में किया जाना आवश्यकहै। TV चेनलो के मामलो में यह सुनिश्चित् किया जाएगाकि प्रकाशन निर्वाचन के समापन के निर्धारित समय के 48घण्टे की अवधि से पहले पूरा किया जाना चाहिए। ऐसेसभी राजनीतिक दल, संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचनपदाधिकारी को एक रिपोर्ट जमा करेंगे जिसमें उल्लेखितहोगा कि उन्होंने इस दिशा की सभी आवश्यकताओं कोपूरा कर दिया है और संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश केदल डाटा प्रकाशित घोषणाओं सहित पेपर कटिंग कोसंलग्न किया है। यह निर्वाचन पूर्ण होने के 30 दिनों केअंदर किया जाना होगा। इसके पश्चात् अगले 15 दिनांे केअंदर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संबंधित दलों द्वाराअनुपालन की पुष्टि का रिपोर्ट आयोग को जमा करेंगे औरदोषियो के मामले (यदि कोई हो) इंगित करेंगे।
5. सरकार के खिलाफ बकाया सुविधा, आवास यदि कोईहो तो जिसे उम्मीदवारों को आबंटित किया गया हो, तो इसेअब सार्वजनिक वित्तीय संस्थान में देनदारियों से
संबंधित फार्म 26 (आईटम 8 के अंतर्गत) शामिल कियागया है। इसलिए उम्मीदवार फार्म 26 (आईटम 8 केअंतर्गत) में आवश्यक घोषणा/विवरण देंगे।
6. इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली केलिंक https : //eci.nic.in/eci_main1/Current/ImpInsCEOs_10102018.PDFऔरमुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, छत्तीसगढ़ रायपुर केलिंकhttps://ceochhattisgarh.nic.in/node/1844में उम्मीद्वारों द्वारा दिये जाने वाले हलफनामों(Affidavit) का फार्म-26 (संशोधित प्रारूप) में उपलब्धहै, जिसे देखा एवं प्रिन्ट भी लिया जा सकता है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की प्रेस वार्ता दिनांक12/10/2018 से संबंधित अन्य प्रमुख बिन्दु
चुनाव प्रचार से संबंधित कानूनी प्रावधान सोशल मीडियापर उसी तरीके से लागू होते हैं, जिस तरीके से किसी भीअन्य मीडिया का उपयोग करते हुए चुनाव प्रचार के किसीभी रूप में लागू होते है। चूंकि सोशल मीडिया मीडिया काअपेक्षाकृत नवीन रूप है, इसलिए सभी संबंधित व्यक्तितयोंको निम्नलिखित निर्देशों को स्पष्ट करना आवश्यक होजाता है:-
- उम्मीदवारों द्वारा उनके सोशल मीडिया एकाउंट केबारे में जानकारी दी जानी चाहिए। उम्मीदवारों कोनामांकन दाखिल करते समय फार्म-26 मेंहलफनामा दाखिल करना होगा।
- राजनैतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन – मीडिया भीइंटरनेट आधारित मीडिया/ सोशल मीडिया सहितवेबसाईट को कोई भी राजनैतिक दल/ उम्मीदवारबिना सक्षम प्राधिकारी के पूर्व प्रमाणन केराजनैतिक विज्ञापन नहीं दे सकता।
- सोशल मीडिया सहित इंटरनेट के माध्यम से प्रचारकरने पर व्यय उम्मीदवारों व राजनैतिक दलों कोसोशल मीडिया में विज्ञापन सहित प्रचार पर कियेगये सभी व्यय को एक उचित निर्वाचन व्यय लेखातैयार करने तथा व्यय का ब्यौरा देने हेतु शामिलकरना होगा। अन्य खातों के साथ इसमें इंटरनेटकंपनी और वेबसाईट को विज्ञापन देने के लिएदिया या भुगतान और सामग्रीयों के रचनात्मकविकास पर किए गए परिचालन व्यय, वेतन परपरिचालन व्यय तथा उम्मीरवारों और राजनैतिकदलों द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट कोबनाये रखने के लिए नियुक्त किये गए कर्मचारियोंके टीम को दिए गए भत्ते आदि शामिल होंगे।
- सोशल मीडिया समेत इंटरनेट की सामग्री परआदर्श आचार संहिता – आयोग के पास राजनैतिकदलों और उम्मीदवारों के संबंध में निर्वाचन केदौरान आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है, जोआयोग द्वारा निर्वाचन की तारिख की घोषणा सेसमाप्ति तक प्रभावशील है। यह स्पष्ट किया जाताहै कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान औरसमय-समय पर आयोग द्वारा जारी किये गयेसंबंधित निर्देश, वेबसाईट उम्मीदवार औरराजनैतिक दल सहित इंटरनेट पर डाली जाने वालीसामग्री पर भी लागू होंगे।
- जहां तक उम्मीदवार और राजनैतिक दल केअलावा अन्य व्यक्ति द्वारा डाले जाने वाले सामग्रीका संबंध है – जहां तक यह राजनैतिक दलों औरउम्मीदवारों के प्रचार से संबंधित है या उनसे जुडेे़हुए है, आयोग इस मुददे से निपटने के लिएव्यावहारिक तरिकों पर सूचना और प्रसारणमंत्रालय के साथ विचार कर रहा है।
- सोशल मीडिया का पूर्व प्रमाणीकरण – आयोग नेदिनांक 27/08/2012 का आदेश जारी किया हैजिसमें जिला और राज्य स्तर पर एमसीएमसी कोराजनैतिक प्रकृति के विज्ञापन के पूर्व प्रमाणन कीजिम्मेदारी दी गई थी। चूंकि सोशल मीडियावेबसाईटें परिभाषा अनुसार इलेक्ट्राँनिक मीडियाभी है। इसलिए आयोग के आदेश क्रमांक509/75/2004/जेएस-1/4572, दिनांक15/04/2004 में उल्लेखित निर्देश सोशलमीडिया सहित वेबसाईटों पर भी लागू होंगे तथापूर्व प्रमाणन के दायरे में आएगें।
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(02)मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की प्रेस कान्फ्रेंस दिनांक 12.10.2018 Click Here…

