00 हाइकोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी बरतुंगा कालरी के श्रमिक बावरी को नॉकरी से बर्खास्त किये जाने का मामला
चिरमिरी / छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने एसईसीएल चिरमिरी के मुख्य महाप्रबंधक के. सामल, बरतुंगा कालरी के उप क्षेत्रीय प्रबंधक एच. एस. मदान व मुख्य कार्यपालक प्रबंधक डी. के. बेहरा को हाइकोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद बरतुंगा कालरी के एक श्रमिक को विभागीय जांच कर नॉकरी से बर्खास्त करने के मामले में कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है।

उपरोक्त संदर्भ में पीड़ित बावरी के अधिवक्ता वकार नैय्यर ने जानकारी देते हुए बताया बरतुंगा कालरी में बीट शार्पनर के पद पर कार्यरत 59 वर्षीय बावरी पिता विष्णु के विरुद्ध रिटायरमेंट के ठीक एक माह पूर्व एसईसीएल प्रबंधन ने विभागीय जांच बैठा दिया । जिसके विरुद्ध श्रमिक बावरी ने अधिवक्ता वकार नैय्यर के मॉध्यम से छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर किया । पुरे मामले की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने 10 जनवरी 2018 को स्थगन आदेश देते हुए एसईसीएल प्रबंधन को यह निर्देश दिया कि हाइकोर्ट में उपरोक्त याचिका के चलने के दौरान जाँच समिति किसी भी प्रकार का निर्णय या अंतरिम आदेश पारित न करे । इसी बीच 31 जनवरी 2018 को बावरी रिटायर हो गया ।
इसके बाद आगे की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने 12 अप्रेल 2018 को अंतरिम आदेश देते हुए कहा कि विभागीय जांच के पूरी कार्यवाही की प्रतिलिपि याचिकाकर्ता को प्रबंधन उपलब्ध कराए व याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने का और कारण दर्शाते हुए पुनः स्पष्टीकरण देने का विधिवत मौका दे । इसके साथ ही हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता को विभागीय जांच या निर्णय के विरुद्ध सक्षम फोरम में जाने की स्वतंत्रता भी दी ।
सेवानिवृति के बाद एसईसीएल प्रबंधन द्वारा उसे सेवानिवृत्ति संबधी लाभ ग्रेच्युटी व पेंशन नही दिए जाने पर बावरी ने अपने अधिवक्ता वकार नैय्यर के मॉध्यम से हाइकोर्ट में पृथक से सेवा याचिका दायर किया जिसकी सुनवाई सितंबर व अक्टूबर महीने में करने के बाद हाइकोर्ट ने उत्तरवादियो को नोटिस जारी किया । लेकिन जबाब से बचते हुए एसईसीएल प्रबंधन ने हाइकोर्ट में अपने अधिवक्ता के मॉध्यम से यह बताया कि विभागीय जांच पूरी होने पर बावरी को 31 जनवरी 2018 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है । एसईसीएल का यह निर्णय हाइकोर्ट के स्थगन आदेश के विरुद्ध था । एसईसीएल प्रबंधन ने हाइकोर्ट के 12 अप्रेल 2018 के निर्णय का पालन करने के बजाय उसका उल्लघन करते हुए बर्खास्तगी का निर्णय सुनाया व याचिकाकर्ता को विधिवत सुनवाई का अवसर भी नही दिया । इससे क्षुब्ध होकर याचिकाकर्ता बावरी ने अधिवक्ता वकार नैय्यर के मॉध्यम से हाइकोर्ट में कोर्ट की अवमानना की याचिका दायर किया । जिसकी सुनवाई के दौरान अधिवक्ता वकार नैय्यर ने कोर्ट में याचिकाकर्ता बावरी का पक्ष रखते हुए अपना तर्क रखा ।
अधिवक्ता वकार नैय्यर के तर्क से सहमत होते हुए न्यायमूर्ति पी. सैम कोशी की कोर्ट ने इस मामले को कोर्ट की अवमानना मानते हुए एसईसीएल चिरमिरी के मुख्य महाप्रबंधक के. सामल, बरतुंगा कालरी के उप क्षेत्रीय प्रबंधक एच. एस. मदान व बरतुंगा के मुख्य कार्यपालन प्रबंधक डी. के. बेहरा को नोटिस जारी कर दिया है ।
