रायपुर / भूपेश सरकार ने अब अंतागढ़ टेपकांड की जांच के लिए भी स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम बनाई है। जांच का नेतृत्व रायपुर एसपी नीथू कमल करेंगी।
बता दें कि टीम 2014 में हुए इस कांड के साथ-साथ 7 करोड़ रुपए के लेनदेन से जुड़े ऑडियो टेप की हकीकत का भी पता लगाएगी। इस टीम में नीथू कमल के अलावा डीएसपी अभिषेक महेश्वरी और टीआई तेलीबांधा भी जांच टीम में होंगे।
आपको बता दें कि अंतागढ़ विधायक विक्रम उसेंडी ने 2014 में लोकसभा चुनाव जीता था। इसलिए उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था । उनकी छोड़ी सीट के लिए 12 सितंबर 2014 को अंतागढ़ में उप-चुनाव हुआ। चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 13 उम्मीदवार मैदान में थे। पर नाम वापसी की समय सीमा गुजरने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंगतूराम पवार ने चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी। मंगतूराम ने ऐसे समय मैदान छोड़ा, जब कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकती थी। इसलिए पार्टी ने एक निर्दलीय को समर्थन दिया। लेकिन भाजपा उम्मीदवार भोजराज नाग 50 हजार वोटों से जीत गए।
उप चुनाव के एक साल बाद दिसंबर 2015 में मीडिया में अंतागढ़ चुनाव में हुई खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया था। जिसमें कथित तौर पर मंगतूराम को चुनाव में बिठाने के लिए 7 करोड़ के लेनदेन की बात थी।इस मामले में टेप कांग्रेस ने जारी किया था और आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डाॅ. पुनीत गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और पूर्व विधायक अमित जोगी के बीच फोन पर कांग्रेस प्रत्याशी को बिठाने के बारे में सौदेबाजी की गयी थी।