कोरिया / लंबे समय से एसईसीएल के द्वारा चरचा खदान से गंदा व विषैला पानी झुमका बांध में डाले जाने की शिकायते आ रही थी, जिससे यह पानी पीने और खेतो के लिए भी विषाक्त बनता जा रहा था, इसके साथ ही उपलब्ध विभिन्न केमिकल्स के कारण इसे पीने वाले लोगो को विभिन्न गंभीर बीमारियो की भी शिकायते आई और किसानों ने भी खेतों में उर्वरकता प्रभावित होने की जानकारी दी।
जिस पर बैकुण्ठपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायिका श्रीमती अम्बिका सिंह देव ने आज चरचा कालरी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरिक्षण किया और अनेक स्थानों से पानी के सैम्पल इकठ्ठे किये। इस दौरान उन्होंने बताया कि लिए गए सैम्पल की जिसकी जाँच कराकर यह पता लगाया जायेगा की यह पानी उपयोग लायक है या नहीं।
श्रीमती अम्बिका ने आगे कहा कि कालरी का जितना पानी निकल रहा है, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता उतना पानी साफ़ करने की नहीं है, इस कारण से प्लांट के अतिरिक्त भी पानी बह रहा है, इसलिए मैंने अधिकारियो को शीघ्र व्यवस्था में सुधार लाने को कहाँ है।
क्योकि पेयजल हो या सिचाई झुमका बांध का पानी अंचल के लिए जीवनदायनी है, इसे इस तरह से प्रदूषित होता देखना किसी भी हाल में संभव नहीं है।


