दरअसल हाल ही में पायोनियर, नव प्रदेश एवं पत्रिका सहित कई समाचार पत्रों में आचार संहिता के दौरान उप वन क्षेत्रपाल सोहन राम मरावी के स्थानांतरण के साथ साजा पहाड़ में वन विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़क निर्माण को रोके जाने संबंधी खबर का प्रकाशन हुआ था। जबकि उप वनक्षेत्रपाल के स्थानांतरण संबंधी पत्र सोशल मीडिया में तैर रहा था तथा इसके अलावा साजा पहाड़ के सड़क निर्माण के रोके जाने के संबंध में ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत की थी।

इन सब के वावजूद चर्चा इस बात की भी हो रही है कि खबर प्रकाशन के बाद पढ़े लिखे डीएफओ मनीष कश्यप ने इस बात की शिकायत पत्र जिला जनसंपर्क अधिकारी कोरिया को दी है। पत्र में साफ – साफ शब्दों में पत्रकारों को अनपढ़ – असभ्य और पैसा वसूली वाला कहते हुए उपरोक्त समाचारों के संबंध में अपनी सफाई भी जिला जनसंपर्क अधिकारी कोरिया को पेश की है। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि डीएफओ ने अपने विभाग के उच्च अधिकारी या कोरिया कलेक्टर को सफाई देने की बजाय जिला जनसंपर्क अधिकारी को अपनी सफाई पेश की है जो समझ के परे तो है ही बल्की चर्चा का विषय भी है।
इस सम्बंध में पत्रकारों द्वारा काफी रोष है पत्रकारों ने कहा है कि इस संबंध में डीएफओ के खिलाफ जिला कलेक्टर को शिकायत की जाएगी और कार्यवाही नही होने पर वन विभाग के कार्यालय के सामने विभिन्न पत्रकार संगठनों द्वारा जल्द ही धरना प्रदर्शन किया जाएगा।