कोरिया / दूध की नदियां बहाकर पशुपालकों को बेहतरी का सपना दिखाने वाली योजना कोरिया में फ्लॉप होने की कगार पर पहुंच गई है और पशुओं की देखरेख बेहतर तरीके से नही कर पाने से डेयरी में मौजूद पशुओं की हालत देखते बनती है।
सबसे पहले जरा इन तस्वीरों को देखिए आप ….टूटे फूटे पंखों के अवशेष और फिर इनके घरों के टूटे छप्पर को भी देखिए। चुकी बारिश का मौसम है और इनकी छत और राहत पहुचाने वाली पंखे दोनों ही खराब है।
अब इस बात से यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता कि कोरिया में सरकारी डेयरी की दशा और दिशा किस ओर जा रही है। अब झुमका स्थित सरकारी डेयरी बरसात के मौसम में इस स्थिति से उबर पायेगा या नही साफ – साफ कह नही सकते।
आपको बता दे कि पशुओं को पीने वाले पानी की व्यवस्था भी सालों से गंदे पड़े टंकी के पानी से की जाती है। जहाँ साप, बिच्छू जैसे जहरीले जानवरों ने अपना बसेरा बना रखा है।
कहने को तो पशु विभाग ने इस डेयरी को महिला समूहों को देख रेख और कमाई करने के लिए दिया है पर ये समूह डेयरी का कितना ख्याल रख रही है यह साफ दिखाई दे रहा है।
इस पूरे मामले में हमने जिला पशु विभाग के जिला अधिकारी श्री बघेल जी से जब बात की तो उनका साफ कहना था कि एक शेड टूटा हुआ है पर दूसरा सही है तो जानवरों को रखने के लिए पूरी व्यवस्था है। हमने देखरेख के लिए समूह को यह जिम्मा दे रखा है और इसके आमदनी का 80% हिस्सा समूह का है जबकि 20% हमारा है वो 20% भी हमें न दे उसे भी रख ले और अच्छे से देखभाल करें।