कोरिया चिरमिरी / बीते छः माह से विधानसभा चुनाव उपरांत शहर सहित पुरे जिले में अपनी ही सत्ता सरकार और उनके कार्यो के साथ अपनी दूरियों को बढ़ता देख पुनः कांग्रेसियो में आपसी बगावत के सुर अब सड़को पर खुले तौर पर देखने को मिल रहे है। कोई अपने पार्टी की विचारधारा को लेकर विवादित बाते करता दिखाई दे रहा तो कोई वर्तमान निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली और उनके कार्यकर्ताओं से नाखुश होकर खुले तौर पर सोसल मीडिया के माध्यम से अभृद् भाषा का इस्तेमाल कर रहा है।
एक जानकारी के अनुसार बीते एक सप्ताह से मनेंद्रगढ़ विधानसभा के नव निर्वाचित विधायक और उनके समर्थकों को लेकर उनके ही पार्टी के मनेंद्रगढ़ निवासी कार्यकर्त्ता द्वारा अपनी ही आईडी से सोसल मीडिया में चिरमिरी शहर और कार्यो को लेकर बेहद गंदी टिप्पणी कर उसके बढ़ावा दिया जा रहा है जो शायद ही पुरे जिले के साथ राज्य या उनसे जुड़े लोगो की जानकारी से बचा हुआ होगा। जिसको लेकर बीते चार दिवस पूर्व ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष कश्यप द्वारा सोसल मीडिया में खुले तौर पर नोटिस जारी करते हुए इस पर विराम लगाने के साथ कार्यवाई की चेतावनी दी थी।
लेकिन इस खुली चुनोती के बाद इस विवादित लेखो पर किसी प्रकार का विराम नहीं लगता देख सत्ता सरकार के नुमाइंदों द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन का सहारा लेते हुए अपने खास कार्यक्रता से लिखित शिकायत कर विवादित टिप्पणी करने वाले अपने की कांग्रेसी कार्यकर्त्ता को थाने पंहुचा दिया, जो पुरे शहर में चरचा का विषय बना हुआ है। जो बीते एक सप्ताह से लगातार स्थानीय शासन प्रशासन की नींद हराम करने जैसा नागवार गुजर रहा है। जिसको लेकर बीते चार दिवस पूर्व भी इसी कार्यकर्त्ता को मनेंद्रगढ़ थाना में उपस्थित होकर अपना कथन दर्ज करने की बात कही गई थी। कार्यकर्त्ता के बयान के आधार पर एसडीओपी अनुज गुप्ता ने किसी भी व्यक्ति या अन्य किसी भी शिकायत को आधार नहीं मानते हुए कार्यवाई पर विराम लगा दिया था और कार्यकर्त्ता बिना किसी कार्यवाई के खुली छुट दे दी थी।
इसी कर्म में विधायक के एक खास समर्थक ने थाना चिरमिरी में भी उसी शिकायत को आधार बनाते हुए कार्यवाई की मांग की गई थी। जिसको लेकर चिरमिरी पुलिस ने मनेंद्रगढ़ निवास कांग्रेसी कार्यकर्त्ता को नोटिस की तामीली कर सोमवार को थाना परिसर उपस्थित होने का हवाला दिया था। जिस पर कांग्रेसी कार्यकर्त्ता द्वारा अपने आने से पहले ही सोसल मीडिया में अपनी सुरक्षा का हवाला देकर किसी प्रकार की घटना होने पर पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार बता दिया और चिरमिरी थाने में अपनी उपस्थिति दी। जिसकी जानकारी पर थाना चिरमिरी में स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा कांग्रेसी कार्यकर्त्ता से कई घण्टे पूछताछ की गई और अंततः शाम चार बजे अपनी सुरक्षा को देख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार में उसकी एमएलसी करा कर उसके स्थानीय दो परिचितों की उपस्थिति में उनकी जिम्मेदारी पर बैरंग वापिस कर दिया।
जो किसी भी अभिव्यक्ति की खुली आजादी पर रोक लगाने जैसा है। जो स्थानीय शासन प्रशासन अपनी सत्ता सरकार की धौस दिखा स्थानीय लोगो को डरा कर खामोस करना चाहते है और अपनी अनमनी को बढ़ावा दे रहे है जो किसी भी रूप में स्वीकार करने योग्य नहीं दिखाई दे रही।
