गंडई पंडरिया / नगर के नजदीकी ग्राम पंचायत बरबरपुर के सरकारी कांजी हॉउस में आज 10 गाये मरी हुई हालात में मिला है। सूत्रों की माने तो गायों के मौत का कारण दम घुटने का है।
बीते दो दिनों पहले गाव के ही एक महिला द्वारा गायों को कांजी हॉउस में लाकर डाला गया था ।और गायों को कांजी हॉउस के खुले स्थान में डालने के बजाय कांजी हॉउस के अंदर बने 4 बाई 4 के कमरे में बंद कर दिया गया था । निरीह गाये लगातार 2 दिनों तक बिना हवा पानी और चारे के एक छोटे से बंद कमरे में कैद रहे थे ।चुकी उक्त 4 बाई 4 के कमरे में कोई खिड़की नही है एक लोहे का दरवाजा है जिसे भी बाहर से बंद कर दिया गया था जिसके कारण गायों को साँस लेने के लिए हवा नही मिल पाया और दम घुटने के कारण उक्त 10 गायों की मृत्यु हो गया।
हालांकि उक्त कमरे में 11 गायों को बंद किया गया था जिसमे से 10 गायों की मृत्यु आज सुबह तक हो गया था इन्ही गायों में से एक बछड़े का साँस चल रहा था जिसे इलाज कर बचा लिया गया है।मामले की जानकारी जब जनपद पंचायत छुईखदान के उपाध्यक्ष खम्हन ताम्रकार को हुवा तो वे भी मौके पर जानकारी लेने पहुच गये थे उनके साथ दुजे वर्मा,रामाधार एवं रवि भावनानी भी थे सभी का कहना था कि मृत गायों का पोस्टमार्टम किया जाय और दोषियों पर कार्यवाही हो।इसी दौरान जनपद के सीईओ एसके ओझा भी मौके पर जानकारी लेने आ गए थे ।हल्का पटवारी देवेन्द्र ताम्रकार द्वारा पंचनामा तैयार किया गया।
बंद कमरे में साँस लेने जदोजहद करती मर गई
गाभिन गाय और उसके पेट का बच्चा
जब गायों का पोस्टमार्टम किया गया तो एक गाय गाभिन निकली उसके पेट में लगभग 2 माह का मृत बच्चा था ।
एक 4 बाई 4 के छोटे से बंद कमरे में 11 गायों को रखना गायों के निर्मम हत्या से कम नही है 4 बाई 4 के कमरे के अंदर जाने पर दीवारों में गायों के रगड़ने ,छटपटाने और गोबर की उपस्थिति साफ देखा जा सकता है।आसानी से महसूस किया जा सकता है कि किस प्रकार धीरे धीरे आक्सीजन कम होने पर गाये आक्सीजन के लिये तड़पी होगी। ग्राम पंचायत बरबसपुर के आलावा अन्य ग्राम के आदमियों का कहना था कि ये अनजाने में हुआ घटना नही है ये सोची समझी हत्या है इस मामले पर पशुक्रूरता का धारा लगा सम्बंधित ग्राम पंचायत और दोषियों पर कार्यवाही होना ही चाहिए।
जाने क्या कहते है सरपंच पति – मामले पर ग्राम पंचायत बरबसपुर के सरपंच पति रामाधर घृतलहरे का कहना है कि 3 माह पहले गाव के ही मनिहार पटेल अपनी पत्नी के शोक कार्यक्रम के लिए कांजी हॉउस का चाबी मांग रहा था मैंने मना किया तो लड़ाई झगड़े करने लगा अंततः मैंने उसे चाबी दे दिया था कार्यक्रम के समाप्ति के बाद चाबी लेने दो बार उक्त व्यक्ति के पास भी गया था परंतु उसने पंचायत में आकर चाबी दे दूंगा कहा था।आज पर्यन्त तक कांजी हॉउस का चाबी उसी के पास था। आज सुबह गाव के ही राजू पटेल मेरे पास आया और 10 गायों के मरने की जानकारी दिया जिस पर मैं तत्काल मौके पर जाकर देखा, हाका लगवाया और सुबह घटना स्थल के पास पुरे गाव वाले आ गए थे सभी के बीच मनिहार पटेल ने चाबी रखने की बात स्वीकार किए है गावो वालो के उपस्थिति में ही कुछ लोगो ने बताया कि चंपा बाई खुशरो शुक्रवार को गायों को कांजी हॉउस लायी थी और कांजी हॉउस का दरवाजा राजू पटेल ने खोला था।अब छोटे से कमरे में इसके बाद गायों को कोन ले गया ये बात सामने नही आया था।मैंने गंडई थाने में भी मनिहार पटेल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया है क्योंकि पुरे मामले पर वही दोषी है।
पूर्व में भी हो चूका है इस प्रकार की घटना – ग्रामीण सूत्रों की माने तो 1 से 2 साल पहले इसी प्रकार की घटना और हो चूका है उक्त कांजी हॉउस में 1 गाय की और मृत्यु हो चूका है ।इस पर सरपंच का कहना है कि पूर्व में हुए घटना में गाय ज्यादा उम्र की हो चुकी थी जिसके चलते कांजी हॉउस में उसकी मृत्यु हो गया था उक्त मृत गाय के आलावा 20 से 25 गाय और था पर सभी गाय ठीक थे।
किया गया पंचनामा – मामले की जानकारी गंडई थाने में सरपंच भूरी बाई के पति रामाधार घृतलहरे एवं ग्रामीणों ने जाकर दिया थाने से स्टाफ भेजा गया और ग्रामीणों से पूछताछ कर पंचनामा तैयार किया गया लगभग 4 बजे 7 मरे हुए नर बछडे और 3 मादा का पोस्टमार्टम गंडई के डॉ संदीप इंदुलकर द्वारा किया गया ।
किसी भी पंचायत का मुखिया सरपंच और सचिव कहलाते है चाबी भले ही गाव के ग्रामीण को निजी कार्य के सम्पादन के लिए दिया गया हो पर कांजी हॉउस पंचायत के पास था नीलामी नही किया गया था इस स्थिति में कांजी हॉउस की पूरी जवाबदारी पंचायत के सरपंच सचिव एवं पंच बाडी का होता है ।इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद सरपंच द्वारा पूरा दोष ग्राम के एक व्यक्ति के ऊपर मड़ दिया जाना समझ से परे है।इस मामले से साफ पता चलता है कि पंचायत कितना लापरवाह है। अब देखना यह है कि पूरे मामले पर दोषी कौन है और दोषी को क्या सजा मिलता है।