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विधायकों में बढ़ती दूरियाँ, चर्चा का विषय-
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.महंत की चुटकी से माहौल हुआ और गर्म

कोरिया / प्रदेश में 15 वर्षों के बाद सत्ता में काबिज कांग्रेस के नेताओं में अब दूरियाँ भी बढ़ने लगी हैं, कोरिया जिले में भी इन दिनों कांग्रेसी विधायकों में आपसी खींचतान और वर्चस्व की लड़ाई ने अंदरूनी तौर पर काफी जोर पकड़ लिया है। जिले की तीनों सीटों पर वर्तमान में कांग्रेसी विधायक हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भी, ऐसे में अनेक मौको पर देखा जा रहा है कि स्थानीय तीनों विधायक की इन दिनों आपस मे ठीक पटरी नही बैठ रही है।

सरकार गठन के बाद भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरो को सरगुजा प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया, लेकिन उनके समर्थक उन्हें केबीनेट मंत्री से कम स्तर का नहीं आंकते फिरते। बताया जाता है कि प्रदेश में अप्रत्याशित तौर पर आए परिणाम के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए काफी खीचतान मची थी। उस वक़्त प्रबल दावेदार टी एस सिंहदेव और तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के बीच विधायकों को अपने पक्ष में करने की होड़ मची थी ऐसे में एन वक़्त पर कभी टी एस समर्थक रहे गुलाब कमरो ने भुपेश बघेल की ओर पल्टी मार दिया और उस खेमे के हो गए। उधर यह सर्वविदित है कि बैकुंठपुर विधायक श्रीमती अम्बिका सिंहदेव राजघराने की होने के कारण टी एस खेमे की ही रही हैं तो वहीं मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल भी अंतिम समय पर भुपेश बघेल की तरफ हो गए थे ऐसी चर्चा थी।

प्रदेश में सत्ता में काबिज होने के बाद आखिरकार आलाकमान के फैसले के अनुसार मुख्यमंत्री का ताज भुपेश बघेल को ही सौपा गया जिससे टी एस सिंहदेव समर्थको को भारी निरासा हाथ लगी और वे मायुष भी हुए। अब सत्ता

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