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नान घोटाला में जीपीएस सिस्टम की जांच हो – रूपेश, फर्जीवाड़ा करने भाजपाई बनाते रहे फर्जी राशन कार्ड

राजनांदगांव / छ.ग. प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के प्रदेश महामंत्री एवं जिला कांग्रेस कमेटी राजनांदगांव के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार का नान घोटाला सबके सामने उजागर है जो भाजपा सरकार पीडीएस सिस्टम को सेटेलाईट जीपीएस से निगरानी की बड़ी बड़ी बाते कर जनता को गुमराह करती थी लेकिन सेटेलाईट जीपीएस सिस्टम के संबंध में वर्ष 2014-15 में कोई दिशा निर्देश ही जारी नहीं किया था और घोटाले का खेल इसी समय से प्रारंभ हुआ था इस मामले में जीपीएस सिस्टम की भूमिका के संबंध में मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।

महामंत्री एवं प्रवक्ता रूपेश दुबे ने बताया कि छ.ग. में माननीय भूपेश बघेल जीे के अध्यक्षीय कार्यकाल से भाजपा सरकार का नान घोटाला उजागर हुआ था जांच की मांग मजबूती से की जा रही थी अब प्रकरण एवं विभाग से जुड़े लोगों का कथन आने के बाद अन्य लोगों का नाम सामने आ रहा है। विधानसभा चुनाव 2013 के पूर्व नए राशनकार्ड बनाकर खाद्यान का वितरण नॉन के माध्यम से किया जाता था जब वर्ष 2014 – 15 में खाद्यान परिवहन वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम के तहत् चिप के संबंध में जानकारी मांगी गई थी तो राजनांदगांव के नॉन कार्यालय में अपने पत्र क्रमांक 334 राजनांदगांव दिनांक 17/06/2015 की बिन्दू क्रमांक 3 में जानकारी दी थी कि जनवरी 2014 से जनवरी 2015 तक की अवधि में वाहनों में सेटेलाईट सिस्टम लगाने की शासन से कोई नीति पत्र, निर्देश नहीं है और तो और इस दरमियान ऐसे वाहनों का उपयोग किया गया जिनका रजिस्टे्रशन अवधि समाप्त हो गई थी एवं टेक्स भी नहीं पटा था यह इस बात का प्रमाण है कि वर्ष 2013-14 से ही नॉन घोटाला का ताना बाना बुनकर खेल शुरू हुआ था उस समय इसकी शिकायत भी की गई थी लेकिन घोटाले में मदहोश सरकार ने जांच नहीं कराई। मामले में सेटेलाईट जी.पी.एस. सिस्टम एवं परिवहन कर्ता वाहनों के संबंध में जांच किया जाना महत्वपूर्ण बिन्दू है अत: माननीय मुख्यमंत्री को जांच के निवेदन हेतु पत्र प्रेषित किया गया है।

दुबे ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच एवं इस मामले की सच्चाई के खुलासे से भाजपाई बौखलाये हुए है वर्ष 2008 में जब डॉ. रमन सिंह डोंगरगांव में अपने हार से भयभीत होकर राजनांदगांव विधानसभा से चुनाव लडऩे की तैयारी में लगे थे तब उनके मुख्यमंत्रीत्व वाले भाजपा सरकार ने राजनांदगांव शहर में ए.पी.एल. व बी.पी.एल. कुल 32,008 परिवार में 22,893 बी.पी.एल. परिवार होने के बाद भी 34 हजार से अधिक गरीबी रेखा का कार्ड बनाकर खाद्यान फर्जीवाड़ा को छूट दी थी बाद में मामले की जांच होने पर शहर में 12 हजार सहित पूरे प्रदेश में 1 लाख से अधिक कार्ड निरस्त हुए थे। भाजपा शासन में बने राशन कार्डो में फर्जी कार्डों की भरमार थी जो समय – समय पर जांच में प्रमाणित भी हुआ।

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