कोरिया / कोल इंडिया की सहायक मिनी रत्न कम्पनी एसईसीएल के हसदेव एरिया से फिर एक बार लाखो रुपयों का बड़ा घोटाला सामने आया है।
ताजा मामला हसदेव एरिया में फर्जी बैरिंग खरीदी घोटाले का है जिसे RTI कार्यकर्ता अब्दुल सलाम क़ादरी और परमीत सिंह ने निकाली है। जिसके बाद यह पता चला की बिना गाइडलाइंस के हसदेव एरिया में जीएम, ई एन्ड एम विभाग और इंजीनियरों की मिली भगत से फर्जी तरीके से बैरिंग की खरीद एलपी अंडर दो लाख के फाइल बनाकर की जाती है जबकि कोलइंडिया की गाइडलाइंस के नियमानुसार 70 पर्सेंट बैरिंग की खरीद सीआईएल करेगी और 30 पर्सेंट बैरिंग की खरीद एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर द्वारा की जनि चाहिए, पर नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए जीएम चौधरी और उनके यूनिट के द्वारा टीसीआर बनाकर कोटेशनो की आड़ में अपने चहेते सप्लायरों के मार्फ़त कम्पनी को चुना लगाने का कार्य जोरो पर है।
सूत्रों की माने तो यह बात भी सामने दिखाई पड़ती है की जीएम चौधरी 10 परसेंट कमीशन लेकर टीसीआर पर साइन करते है और सिर्फ अपने चहेते सप्लायरों को ही कार्य दिया जाता है जिससे कम्पनी को करोड़ो रुपयों की हानी होना लाजमी है।
घाटे में चल रही हसदेव एरिया की राजनगर ओपनकास्ट माइंस में भी बैरिंग और अन्य सामानों की फर्जी खरीदी कर कम्पनी को चुना लगाया जा रहा है। सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज के अवलोकन से ज्ञात होता है कि एक बहुत बड़ा रैकेट चलाया जा रहा जिसमे कुछ सप्लायरों और विद्दुत ठेकेदारों की मिली भगत से कम्पनी को चुना लगाया जा रहा है।
विजिलेंस में शिकायत दर्ज करवाने पर भी जांच के नाम पर सिर्फ फाइल बना दी जाती है और फिर विजिलेंस द्वारा इन फाइलों को सड़ने के लिए किसी आलमारी में दफन कर दिया जाता है।
बहरहाल एसईसीएल सीएमडी बिलासपुर को इन मामलों में संज्ञान लेने की आवश्यकता है नही तो ऐसे अधिकारी ईमानदारी का ढोंग रचाते हुए धीरे – धीरे कम्पनी को लुटते रहेंगे।
