कोरिया / शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों के विरुद्ध शासन के निर्णय अनुसार वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय को अनुचित बताते हुए इस आदेश को तत्काल वापस लेने का आग्रह ज्ञापन के माध्यम से किया गया है।
अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने ज्ञापन में उल्लेखित किया है कि कोरोना वायरस वैष्विक महामारी को रोकने हेतु कर्मचारी भी संघर्षरत हैं। राजस्व, शिक्षा ,पशुपालन, पुलिस, महिला बाल विकास सभी विभाग के कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर इस संक्रमणकाल में भी अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी से कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन से कर्मचारी संघो द्वारा अन्य राज्यो की भांति जोखिम भत्ता, आसामयिक मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि इत्यादि की मांग की गई है लेकिन शासन द्वारा इन मांगो पर विचार नही किया जा रहा।
बजाय कर्मचारियों को पुरस्कृत करने उनको उत्साहित करने वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने जैसे आदेश जारी कर कर्मचारियों को हतोत्साहित किया जा रहा है।
प्रदेश के कर्मचारियों ने स्वयं से आगे आकर अपने एक दीन का वेतन इस संकटकाल में स्वेक्षिक रूप से दान भी कर दिया गया था।
इस माह भी 1 दिवस का वेतन स्वेक्षिक रूप से मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान करने का अपील किया भी जा रहा है, उसके बाद भी शासन द्वारा कर्मचारी विरोधी आदेश जारी कर कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा लेने का प्रयास कर रहा है।
इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया जाएगा। यदि अविलम्ब वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने का निर्णय वापस नही लिया गया तो फेडरेशन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रांत अध्यक्षों से बात कर उग्र आंदोलन का निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा।
ज्ञापन सौंपते समय अशोक यादव छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, राजेन्द्र सिंह उप प्रांताध्यक्ष छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन, अरुण कुमार वर्मा जयनाथ बाजपेयी प्रांतीय संगठन सचिव छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन, शंकर सुवन मिश्रा संरक्षक छत्तीसगढ़ टीचर्स फेडरेशन, प्रेमचन्द गुप्ता राज्य कर्मचारी संघ कृष्ण कुमार साहू शिक्षक संघ अतर सिंह स्वास्थ्य कर्मचारी संघ रामकुमार राजवाड़े लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ घनश्याम जायसवाल, जिला अध्यक्ष शिक्षक फेडरेशन रूपेश सिंह ब्लॉक अध्यक्ष टीचर्स एसोसिएशन योगेंद्र पटेल सचिव टीचर्स एसोसियेशन सहित बड़ी संख्या में शोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ज्ञापन सौपा।