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“पेयजल की उपलब्धता, संवर्धन संरक्षण के प्रति नागरिक कर्तब्य” द्वितेंद्र मिश्र

अम्बिकापुर नगर मे पेय जल की स्थिति सामान्य रही है, कभी-कभी कुछ तकनीकी व बिजली विभाग की खामियों के कारण शहर वासियों को पानी के लिये परेशान होना पड़ता है।किंतु ऐसी स्थिति कुछ छेत्रों में कभी कभार ही आती है।

विगत 2 वर्षों से नगर को पर्याप्त पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु चल रही अमृत मिशन योजना अब पूर्ण आकर लेने को है। नगर के 60 फ़ीसदी हिस्से में इस नई योजना अर्थात “अमृत मिशन” के अंतर्गत घुनघुट्टा के पानी की आपूर्ति प्रारंभ हो चुकी है। अतिशीघ्र बाकी के हिस्से में भी आपूर्ति प्रारंभ कर यह योजना अपनी पूर्णता को प्राप्त कर लेगी।
तब शहर में पेय जल की समस्या लगभग समाप्त हो जायेगी। अमृत मिशन की यह योजना आगामी 30 वर्षों की आबादी और मांग के संयोजन के साथ बनाई गई है।
अब सरकार ने यह योजना नागरिकों की सुविधा के लिए बनाई है तो हम नागरिको का भी अहम कर्तब्य होता है कि हम भी सरकार की मंशानुरूप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर अच्छे व प्रगतिशील शहरी होने का परिचय दें।यथा समय पर पेय जल के बिल की राशि का भुगतान करें । कहीं भी पेय जल बर्बाद होता दिखे तो तुरंत उसे रोकने का प्रयास करें, किसी भी हाल मे पेय जल को बर्बाद ना होने दें।

समय की मांग व आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए जल के संरक्षण-सवंर्धन के लिये समर्पण भाव से कार्य करें। प्रत्येक नागरिक यदि यह प्रण कर ले कि उसे अपने घर मे वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम छोटा या बड़ा जैसा भी हो बनाना ही है, हर घर मे पेड़ लगाना ही है।तो निः संदेह यह बहुत बड़ा पुनीत कार्य तो साबित होगा ही ,साथ ही हम अपने आने वाली पिढ़ी को एक सुरक्षित भविष्य दे सकेंगे।

स्मरण रहे कि कोई भी सरकारी योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक कि उसमें जनता की सहभागिता ना हो।

आइये हम सब मिल कर अपना कल सहेज लें।
एक बेहतर नागरिक होने का परिचय दें।
{द्वितेंद्र मिश्र}

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