कोरिया / भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा 2011 में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की गई थी। लोकसभा में अं तारांकित प्रश्न क्रमांक 448 के जवाब में कोयला मंत्री ने बताया था कि कोयला खदान के विभिन्न क्षेत्रों में तीन मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे, जिसमें से एसईसीएल द्वारा मनेंद्रगढ़ में एक बनाया जाएगा। जिसके लिए सर्वे का कार्य हॉस्पिटल सर्विस कंसल्टेंसी कारपोरेशन नोएडा को दिया गया था। जिन्हें फीस के रूप में लगभग 32 लाख का भुगतान भी किया गया।
उक्त कंसलटेंसी कंपनी द्वारा मेडिकल कॉलेज निर्मित किए जाने के पक्ष में अपना प्रतिवेदन दिया गया। प्रतिवेदन एसईसीएल के मुख्यालय बिलासपुर में पड़ा हुआ है एसईसीएल के द्वारा 28 7 12 को आयोजित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की 207 वी बैठक में निर्णय लिया गया की एसईसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने को तैयार है। छ ग शासन मेडिकल कॉलेज का संचालन करें उक्त आशय का पत्र छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को दिनांक 17 अप्रैल 2013 को भेजा गया, परंतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोई कार्यवाही आगे नहीं की गई। एसईसीएल के बोर्ड ने कोल मंत्रालय की मंशा के विरुद्ध निर्णय लिया है जो निंदनीय है जबकि तालचेर के लिए भी कोयला मंत्री द्वारा मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की घोषणा की गई थी उड़ीसा शासन एवं महानदी कोलफील्ड ने एम ओ यू कर दोनों के सहयोग से मेडिकल कॉलेज बनाना प्रारंभ कर दिया है।
रमेश सिंह उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ विधि प्रकोष्ठ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग किया है कि उड़ीसा के तर्ज पर कोयला मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन से मिलकर मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज का निर्माण करें। जिससे कोलफील्ड के हजारों मजदूरों एवं अधिकारियों का इलाज निजी चिकित्सालय में कराने में होने वाले करोड़ों रुपए के खर्च से बचा जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डॉ चरणदास महंत जब केंद्रीय राज्य मंत्री थे उनके निवेदन पर कोयला मंत्री ने मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज बनाने का निर्णय लिया था।
डॉक्टर महंत के द्वारा समय-समय पर इस संबंध में कोयला मंत्री को पत्र लिखा गया है परंतु आज तक कारवाही ना होना चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री इस संबंध में विशेष ध्यान देते हुए मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज खुलवाएं।