बैकुंठपुर / अंतरराष्ट्रीय कैंसर दिवस – 4 फरवरी – को जिला चिकित्सालय में कैंसर स्क्रीनिंग और परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा।
हर साल विश्व भर में 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कैंसर से बचाव और उसके प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरुआत सन 1933 में हुई थी. इस साल विश्व कैंसर दिवस की थीम है “मैं हूं और मैं रहूंगा” (“I am and I will”). ये थीम साल 2019 से 2021 तक यानि तीन साल के लिए रखी गयी है जो इस साल भी कायम है.
गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ शुभाषीष करन ने बताया,” शिविर में वयोवृद्ध जनों के लिए अन्य जांच की सुविधा जैसे मधुमेह, और रक्तचाप आदि की जांच भी की जायेगी। जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के गैर संचारी रोग कार्यक्रम के तहत कैंसर रोग का परीक्षण एवं परामर्श, और बचाव की जानकारी के माध्यम से लोगों को जागरूक कराया जाएगा।“
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामेश्वर शर्मा ने बताया ,” शिविर में कैसर से बचाव के लिए जागरूकता षिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कैंसर के लक्षण एवं उपचार और बचाव की जानकारी दी जायेगी। हम जागरूक रहकर ही खुद का और अपनो का बचाव कर कर सकते है।“
क्यों मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस
कैंसर के खतरों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने और इसके लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो यह समझते हैं कि यह बीमारी छूने से फैलती है जिसके चलते लोग कैंसर के मरीजों से अच्छा व्यवहार नहीं करते. कैंसर के संबंध में फैली गलत धारणाओं को कम करने और कैंसर मरीजों को मोटीवेट करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. इसके लिए सरकारी और गैर-सरकारी संघठन विश्व भर में कैंप, लेक्चर और सेमीनार का आयोजन करते है।
आम कैंसर के प्रकार ओर लक्षण
स्तन कैंसर के सामान्य लक्षण:
स्तन के आकार में बदलाव ।
स्तनाग्र का अंदर घेंसना,स्थिति या आकार में बदलाव ।
स्तनाग्र पर या उसके इर्द-गिर्द लाल चकत्ते ।
स्तनाग्रमें किसी प्रकार का असामान्य रिसाव ।
स्तनों में गांठ , स्तन या कांख में निरंतर दर्द ।
गर्भाशय कैंसर के सामान्य लक्षण:
रजोनिवृत्ति के पश्चात रक्त स्राव ।
यौन संबंध के पश्चात रक्त स्राव ।
अनियमित माहवारी रक्तस्राव ।
योनि से रक्त मिश्रित सफेद पानी का रिसाव ।
पीठ दर्द ,पेट के निचले भाग में दर्द ।
मुख कैंसर के लक्षण:
किसी जगह त्वचा का कड़ा हो जाना ।
ऐसे घाव जो 1 माह से अधिक अवधि तक न भरे ।
मसालेदार भोजन का मुंह के अंदर सहन न होना ।
मुंह खोलने में कठिनाई ।
जीभ को बाहर निकालने में कठिनाई ।
आवाज में परिवर्तन (नाक से बोलना) ।
अत्याधिक लार का स्राव ।
चबाने और बोलने में कठिनाई