कोरिया / कोरोना महामारी के दौर में अगर सही समय पर मरीजों का टेस्ट नही हो पायेगा या उसे किट नही होने के कारण अस्पताल के चक्कर काटने पड़े तो समझिए कि वाकई हालात काफी गंभीर हो चली हैं।
ताजा मामला कोरिया जिले के नगरीय क्षेत्र चिरिमिरी का हैं जहां
के अस्पतालों में ना तो पर्याप्त मात्रा में कोविड-19 की किट है और ना ही पॉजिटिव होने के उपरांत लोगों के लिए दवा है।
सूत्र बताते हैं कि अस्पतालों में गिनती के 10 से 15 किट रौजाना भेजे जाते हैं और वो गिनते के लोगों में ही खत्म हो जाते हैं।
इसके विपरीत अस्पतालों में सैकड़ों की संख्या में लोग दूर-दूर से जाकर भी किट की अनुपलब्धता के कारण अस्पतालों से वापस आ रहे हैं और प्रतिदिन अस्पतालों के चक्कर लगा कर परेशान हो रहे हैं।
यह बात भी सत्य हैं और अस्पताल के डॉक्टर मान भी रहे हैं कि किट कम आ रही हैं। खैर जब हमारे साथी ने डॉक्टर से पुछा तो डॉक्टर ने साफ कह दिया कि किट नही हैं।
अब सवाल ये उठता हैं कि जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के जिला अस्पताल में किट उपलब्ध होने के बावजूद चिरमिरी इलाके में किट पर्याप्त मात्रा में क्यू नहीं भेजी जा रही। क्या जानबूझकर कर लोगों को टेस्ट से वंचित किया जा रहा हैं ताकि आंकड़े कम दिखाए जा सके।
अस्पताल में मौजुद एक मरीज से बात करने पर पता चला कि उस को तीन दिन से टेस्ट के लिए घुमाया जा रहा और कुछ लोगों का टेस्ट किया भी गया तो पॉजिटिव मरीज के लिए अस्पताल में दवा भी उपलब्ध नहीं हैं।