कोरिया / भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना का उद्देश्य भारत में बागवानी क्षेत्र का व्यापक वृद्घि करने के साथ-साथ बागवानी उत्पादन में वृद्घि करना है। ताकि इससे किसान आर्थिक रूप उन्नति कर सके।लेकिन कोरिया जिले में इसका उलट ही देखने को मिल रहा है जहां अधिकारी द्वारा इस योजना की सवा करोड़ के करीब राशि को हेर फेर कर खर्च कर दिया गया।
सूचना के अधिकार से मिली जानकारी अनुसार वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में विभिन्न घटको की 1 करोड़ 24 लाख 60 हजार जो शासन के खाते में जमा करना था,किंतु सहायक संचालक सतीश सिंह ने उस राशि को शासन के खाते में जमा न कर विभाग के खाते में जमा कर उसे मनमानी ढंग से खर्च कर दिया।
गौरतलब है कि सहायक संचालक उद्यान बैकुंठपुर द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 विभिन्न घटकों की अग्रिम चेक राशि वापसी के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड बैकुंठपुर को जून 2020 में पत्र जारी किया गया था।बीज निगम को लिखे पत्र में सहायक संचालक उद्यान ने अपने वरिष्ठालय के निर्देश का उल्लेख करते हुए एवं लक्ष्य पूर्ति समयावधि में नही हो पाने के कारण राशि वापसी की मांग की थी। सहायक संचालक के पत्र अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड बैकुंठपुर ने सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग बैकुंठपुर को चेक के माध्यम से राशि नवम्बर 2020 में वापस कर दिया था।
लक्ष्य की पूर्ति नही होने पर करना था राशि वापस
सहायक संचालक उद्यान सतीश सिंह के पत्र अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड बैकुंठपुर ने सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग बैकुंठपुर को दिए अग्रिम राशि का लक्ष्य की पूर्ति समय पर नही होने से राशि का उयोग नही हो पाया जिस कारण उक्त राशि को शासन के खाते में जमा करना था।लेकिन सहायक संचालक सतीश सिंह ने अपने निजी लाभ के लिए शासन के नियम कायदों को दरकिनार कर राशि अपने विभाग के खाते में जमा करा दिया।राशि जमा होने के उपरांत जिले भर के कुछ चुनिंदा किसानों के लिए उस राशि से पावर ट्रिलर, शेड नेट व प्लास्टिक मल्चिंग के कार्य से उपकृत कर राशि खर्च कर मामला रफा दफा कर दिया गया।
PMO को हुई शिकायत सप्ताह भर में ही जांच के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुचा आवेदन
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के 1 करोड़ 24 लाख 60 हजार की बड़ी राशि को सहायक संचालक सतीश सिंह ने हेर फेर कर खर्च कर दिया जिसकी शिकायत विभागीय उच्चाधिकारी को की गई परन्तु महीनों बीतने ओर भी कोई जांच नही कार्यवाही होने से मामले की शिकायत प्रधान मंत्री कार्यालय की गई थी।जहां से सप्ताह भर में ही मामले की जांच के लिए कलेक्टर कार्यालय आवेदन पहुँच चुका है जहां से जांच कमेटी कर मामले की जांच होगी।अब देखना यह है कि ऐसे अधिकारी के ऊपर कोई कार्रवाई होती है या नही।
