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प्रदेश के 2 आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

रायपुर / प्रदेश के दो आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोरिया जिले में पुलिस अधीक्षक रह चुके एसपी चंद्र मोहन सिंह तथा आईजी सरगुजा रतनलाल डांगी को उच्च न्यायालय की अवमानना करने के कारण नोटिस जारी किया गया है। मामले में पुलिस अधिकारियों की मुश्किलें अब बढ़ती हुई नजर आ रही है।

दरअसल मामला 2016 का है जिसमें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के कोरिया आने के दौरान जिला न्यायालय बैकुंठपुर तथा मनेंद्रगढ़ कोर्ट जाने के लिए सोल्ड इनोवा गाड़ी के लिए 454 किलोमीटर चलने का भुगतान किया था। मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने चर्चा थाने में शिकायत की थी जिसके बाद भी कार्यवाही नहीं होने के बाद एसपी कोरिया तथा आईजी सरगुजा के समक्ष भी लिखित शिकायत की थी। जिस पर कार्यवाही ना होने पर राजकुमार मिश्रा के द्वारा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपराधिक रिट याचिका प्रस्तुत की गई।

गौरतलब है कि, वर्ष 2016 में हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश कोरिया दौरे पर आए हुए थे। बिलासपुर से कोरिया तक का सफर उन्होंने ट्रेन से तय किया था। इसके बाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश सोल्ड इनोवा गाड़ी में स्टेशन से रेस्ट हाउस फिर रेस्ट हाउस से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बैकुंठपुर गए और वहां से मनेंद्रगढ़ कोर्ट गए तथा मनेंद्रगढ़ कोर्ट से वापस रेस्ट हाउस बैकुंठपुर आए इसके बाद न्यायाधीश उसी दिन रात की ट्रेन से वापस बिलासपुर लौट गए। जानकारी के अनुसार, न्यायधीश के इनोवा गाड़ी से चलने की अधिकतम दूरी 125 किलोमीटर होनी चाहिए थी। पर अधिकारियों ने इनोवा गाड़ी के लिए 454 किलोमीटर चलने का भुगतान कर दिया। उक्त मामले की जानकारी आरटीआई से निकालने के बाद एफ आई आर दर्ज कराने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने पुलिस थाना चर्चा में लिखित शिकायत भी दी थी। जिसके बाद चर्चा थाना प्रभारी के द्वारा मामले में कोई कार्यवाही नहीं करने के बाद एसपी कोरिया तथा आईजी सरगुजा से भी उक्त मामले में शिकायत दर्ज कराने हेतु पत्राचार किया गया। जिसके बावजूद भी अधिकारियों ने मामले में कोई एफ आई आर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अपराधिक रिट याचिका प्रस्तुत की जहां से अधिकारियों को मामले में 6 माह के भीतर कार्यवाही करने के आदेश जारी किए गए। पर अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश को भी नहीं माना। जिस पर आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना याचिका प्रस्तुत की जिस पर दो आईपीएस अधिकारियों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दो अलग-अलग तारीखों के लिए कर दिया भुगतान :-

मामले में आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा का कहना है कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश कोरिया जिला ट्रेन से पहुंचे थे जहां से बे सोल्ड इनोवा गाड़ी में रेस्ट हाउस बैकुंठपुर पहुंचे इसके बाद डिस्टिक कोर्ट तथा मनेंद्रगढ़ कोर्ट से आकर उसी दिन शाम की ट्रेन से वापस लौट गए पर उक्त इनोवा गाड़ी को उसी काम के लिए 19 तथा 20 तारीख का भुगतान किया गया है। वही स्टेशन से रेस्ट हाउस तथा बैकुंठपुर से मनेंद्रगढ़ और वापस बैकुंठपुर आने में अधिकतम 125 किलोमीटर की दूरी है। पर उसके लिए भी 454 किलोमीटर का भुगतान किया गया है जो कि गलत है।

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