Monday, January 13, 2025
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कोरिया के छतरी वाले गुरुजी और सिनेमा वाले बाबू का CM भुपेश के हाथों आज होगा सम्मान

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रायपुर / आज शिक्षक दिवस हैं. हालांकि  शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में 5 सितंबर को मनाया जाता है. वह एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपती तथा दूसरे राष्ट्रपति थे. गुरु का हर एक के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है और जब बात शिक्षकों की हो ही रही है. तो हम छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले के शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा और अशोक लोधी को कैसे भुल सकते हैं. जिनकी 2020 से आज तक खूब चर्चा हो रही है. इसकी खास वजह लॉकडाउन में उनके पढ़ाने की तकनीक है. यह दोनों इलाके में ही नहीं अब तो पुरे भारत देश में छतरी वाले गुरुजी और सिनेमा वाले बाबू के नाम फेमस हो चुके हैं. चलिए जानते हैं इन 2 शिक्षकों ने आखिर ऐसा क्या किया था जिनके चर्चो का शोर अभी तक नही थमा हैं…. और आज क्यों इन्हें प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भुपेश बघेल सम्मान करने जा रहें हैं……

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितम्बर को नवाचारी शिक्षकों के कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी ‘शिक्षा मड़ई‘ का आयोजन किया जा रहा हैं। यह आयोजन आज दोपहर 01 बजे आर.डी. तिवारी स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल आमापारा रायपुर में होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस अवसर पर स्कूल का लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम में नवाचारी शिक्षकों का सम्मान, महतारी दुलार योजना के बच्चों को छात्रवृत्ति का वितरण भी किया जाएगा।  कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय और महापौर रायपुर एजाज ढेबर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम में राज्य के चुनिंदा नवाचारी शिक्षक भी शामिल होंगे।  शिक्षा मड़ई कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और अतिथियों द्वारा स्कूल का लोकार्पण किया जाएगा। इसके बाद मोहल्ला कक्षा और लाउडस्पीकर कक्षा, मोटर-साइकिल गुरूजी क्लास, सिनेमा वाले गुरूजी क्लास, श्यामपट वाले गुरूजी क्लास, अंगना में शिक्षा, स्मार्ट क्लास एवं जुगाड़ स्टूडियो, पपेट शो, विज्ञान-रसायन-भौतिक प्रयोगशाला का अवलोकन किया जाएगा। इसके साथ ही  टीएलएम (टीचर लर्निंग मटेरियल) प्रदर्शनी, पुस्तकालय, अमाराईट प्रोजेक्ट, बच्चों द्वारा खेले जा रहे विभिन्न स्थानीय खेल का अवलोकन भी करेंगे। आज इसी कार्यक्रम में कोरिया जिले के शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा और अशोक लोधी को भी सम्मानित किया जाएगा। हालांकि कार्यक्रम में अन्य शिक्षकों का सम्मान किया जाना है जो कि प्रदेश के शिक्षक समुदाय व कोरिया जिले के शिक्षकों लिए हर्ष का विषय हैं।

यह कहानी वर्ष 2020 की हैं जब कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल-कॉलेज बंद थे. इस बीच छात्रों के नए सेशन भी शुरू हो गए थे और ऐसे में छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करके अपना कोर्स पूरा करने में लगे हुए थे.

इस दौरान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में दूर दराज के गावों में कई छात्र ऐसे भी थे जिनके पास न तो इंटरनेट की सुविधा थी न ही उनके पास मोबाइल फ़ोन था. ग़रीबी के कारण जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, उन्हें ‘मोहल्ला क्लास’ के ज़रिए पढ़ाया जा रहा था. शिक्षक गांव-गांव जाकर बच्चों को ‘मोहल्ला क्लास’ दे रहे थे. बच्चों की पढ़ाई में बाधा न आए इसके लिए टीचर कुछ भी करने को तैयार थे.

उस वक्त छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िला मुख्यालय से क़रीब 70 किलोमीटर दूर ग्राम सकड़ा में ‘प्राथमिक पाठशाला सकड़ा’ के शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा अपनी मोटरसाइकिल में ब्लैक बोर्ड, सूटकेस में किताबें, माईक, घंटी और बाइक पर बड़ी सी छतरी लगाकर बच्चों को पढ़ाने ‘मोहल्ला क्लास’ में पहुचते थे. पढ़ाई के दौरान मास्टरजी फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया करते थे. शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा रोजाना क़रीब 40 किलोमीटर दूर पेंड्रा मरवाही ज़िले के ‘प्रारासी’ गांव से बच्चों को पढाने ‘सकड़ा’ गांव आते थे और आज भी आते हैं. इस दौरान मास्टर जी सकड़ा गांव के आसपास गुरवापारा, पटेल पारा, स्कूल पारा, बिही पारा, मुहारी पारा में ‘मोहल्ला क्लास’ आयोजित कर बच्चों पढ़ाने का काम कर रहे थे.इस दौरान छतरी वाले ये मास्टरजी जिस भी मोहल्ले में क्लास लेने जाते थे, मोहल्ले में पहुंचते ही सबसे पहले अपनी मोटरसाइकिल स्टैंड पर खड़ी करके घंटी बजाते थे. घंटी की आवाज़ सुनकर मोहल्ले के सभी बच्चे अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर स्कूल बैग के साथ झज्जे पर चटाई बिछाकर ‘मोहल्ला क्लास’ में शामिल होते थे. इसके बाद सभी बच्चे पहले अपनी-अपनी जगहों पर खड़े होकर राष्टगान गाते थे. इसके बाद ही पढ़ाई शुरू होती थी.

उसी तरह दूसरे शिक्षक छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला मुख्यालय से सटे सलका संकुल क्षेत्र के ग्राम पंचायत सारा, गदबदी, रटन्गा, ढोड़ी बहरा, जलियांढांड में सिनेमा वाले बाबू यानी अशोक लौधी रौजाना सुबह अपनी मोटरसाइकिल में lED TV बांध कर बच्चों के पढ़ाई के लिए निकल जाते थे और मौहल्ला – मौहल्ला जा कर घरों में एकत्र हुए ग्रामीण बच्चों को मोबाईल से वाई फाई कनेक्ट कर TV पर कार्टून, संगीत के माध्यम से पढ़ाई कराते थे। सुनने में जरूर यह थोड़ा अजीब लगा हो पर वाकई शिक्षक हो तो ऐसा, जिन्होंने कोरोना काल मे बच्चों को बेहतर शिक्षा उनके घरों मुहल्लों में देने की तरकीब क्या खूब निकाली है। इसी वजह से LED TV के माध्यम से पढ़ाई का बच्चों में खासा प्रभाव दिख रहा था। बच्चों को उनके मौहल्लों और घरों में पढ़ाई वो भी इस हाईटेक तरीके से बेहद पसंद आ रहा था। बच्चें किताबों के पाठ्यक्रम के साथ कार्टून के माध्यम से बेहतर शिक्षा ग्रहण कर रहें है जिनसे बच्चों में खुशी थी। बच्चें कम जगह होने के वावजूद एकदूसरे से दूर बैठ कर चेहरे पर मास्क लगा पढ़ाई कर रहे है।

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