रायपुर / छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी प्रावधान में सरलीकरण एवं वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 के वार्षिक विवरण पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को अधिसूचना क्रमांक एफ 10-59/2020/वाक/पांच (29), दिनांक – 01/04/2021 के द्वारा 30 अप्रैल 2021 तक बढाया गया था, किन्तु प्रदेश में जारी उक्त लॉकडाउन की वजह से वार्षिक विवरण पत्र दाखिले की समय सीमा वर्ष 2016-17 के लिए 31 अक्टूबर 2021 तक तथा वर्ष 2017-18 के लिए 31 दिसम्बर 2021 तक बढ़ाया जाने हेतु आज 7 सितम्बर 2021 को टी.एस.सिंहदेव, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री से मिलकर आग्रह किया गया।
श्री अमर पारवानी ने जीएसटी के तहत व्यापार करने में आसानी हेतु सुझाव दिये जो निम्नानुसार हैः-
- नियम 36(4) के तहत आईटीसी का लाभ उठाने पर प्रतिबंध
- नियम 86(बी) के तहत आईटीसी के उपयोग पर प्रतिबंध
- नियम 59(5) के तहत जीएसटीआर 1 दाखिल करने पर रोक
- नियम 21ए के तहत पंजीकरण का निलंबन
- नियम 21 के तहत जीएसटी पंजीकरण रद्द करना
- जीएसटी पंजीकरण के लिए नियम 8 और 9 में किए गए परिवर्तन
- नियम 138 और 138(ई) के तहत ई-वे बिल की वैधता में किए गए बदलाव
- पंजीकरण रद्द करने के निरसन के संबंध में अपील का निपटान
- आयकर रिटर्न और जीएसटी रिटर्न टर्नओवर के अनुसार टर्नओवर में बेमेल होने के कारण
नोटिस जारी करना - एग्रीगेटर के माध्यम से सामान बेचने वाले व्यक्तियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण
- धारा 74 के तहत कार्यवाही
- एक ही लेन-देन पर दो बार ब्याज लिया जाता है
- वन टाइम विवाद समाधान योजना
- रिटर्न के सुधार की सुविधा
- अशोध्य ऋणों के मामले में भुगतान किए गए कर का पुनः र्क्रेडिट
- ब्याज दर 18 प्रतिशत के बजाय 8 से 12 प्रतिशत तक कम की जानी चाहिए चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने माननीय मंत्री जी से अनुरोध करते हुए कहा कि वार्षिक विवरण पत्र दाखिले की समय सीमा वर्ष 2016-17 के लिए 31 अक्टूबर 2021 तक तथा वर्ष 2017-18 के लिए 31 दिसम्बर 2021 तक बढ़ाया जाना छत्तीसगढ़ के उद्योग व्यापार जगत के हित में होगा। उस समय हमारा प्रदेश कोरोना महामारी के दूसरे लहर का सामना कर रहा था, जिसमें संक्रमण का प्रसार पहली लहर की तुलना में कहीं ज्यादा एवं भयावह था, जिसके चलते राज्य में 9 अप्रेल 2021 से 45 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था, जिससे राज्य में समस्त व्यापारिक गतिविधियां बंद थी, साथ ही सी.ए., वकील एवं अन्य सेवा प्रदाताओं के कार्यालय भी इस लॉकडाउन में बंद थे, इसके आलावा कोरोना माहामारी से व्यापारिक संस्थानों, कार्यालयों में कार्यरत विभिन्न व्यक्ति, एकाउंटेंट, सपोर्ट स्टाफ, प्रबंधन स्टाफ, विभिन्न सलाहकार इत्यादि भी इस महामारी का शिकार होकर प्रभावित हुए थे, ऐसे विकट परिस्थिति में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 का वार्षिक विवरण पत्र दाखिल कर पाना संभव नहीं हो सका था। श्री पारवानी ने मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि जिन प्रकरणों में एक पक्षीय आदेश पारित कर विभाग द्वारा कर निर्धारण की कार्यवाही की गई थी उक्त आदेश के विरूद्ध व्यवसायी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर धारा 49 (1) के अंर्तगत स्वविवेक के आधार पर कार्यवाही करके कर निर्धारण पूर्ण किया जावे, साथ ही एक पक्षीय आदेश में बकाया कर, ब्याज एवं शस्ति की राशि के लिए विभाग द्वारा व्यापारी के बैंक एकाउंट सीज न किए जायें । श्री पारवानी ने मंत्री सिंहदेव, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) मंत्री से आग्रह किया कि व्यापारियों के हितो को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त सुझाव को अमल करने हेतु अनुशंसा करने की कृपा करेगे। इस अवसर पर चेम्बर प्रतिनिधि मंडल में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, कार्यालय प्रभारी-नरेश गंगवानी, उपाध्यक्ष-हीरा माखीजा, नरेन्द्र हरचंदानी, कन्हैया गुप्ता, मनोज जैन, मंत्री-दिनेश पटेल, शंकर बजाज, नीलेश मूंदड़ा, राकेश वाधवानी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।