Sunday, April 20, 2025
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रिश्वत के 1 लाख न मिलने पर कर दिया फर्म को किया ब्लैक लिस्टेड सीएमएचओ की आय से अधिक संपत्ति की हो जांच, संभागायुक्त सहित राजनधानी पहुंची शिकायत

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शहडोल / मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चेतावनी के बाद भी संभागीय मुख्यालय में भ्रष्ट अधिकारी और कर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। गौरतलब है कि सीएम ने अपनी बैठक में कहा था कि हम भ्रष्ट अधिकारियों को छोड़ेंगे नहीं। इसके बाद भी चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं, सतना जिले के मार्डन ऑफसेट के फर्म संचालक द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मेघ सिंह सागर द्वारा एक लाख की रिश्वत मांगने व न दिये जाने पर ब्लैक लिस्टेड कर अभद्रता किए जाने जाने की शिकायत संभागायुक्त सहित राजधानी तक की है।


अनुबंध करने से किया इंकार
शिकायतकर्ता मार्डन ऑफसेट के संचालक ने शिकायत में उल्लेख किया है कि स्वास्थ्य विभाग में प्रिंटिग एवं स्टेशनरी का सफल आपूर्तिकर्ता हूं, स्वास्थ्य विभाग शहडोल के प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी का ई-टेंडर क्रमांक 2021 डीएचएस 139224 1 10 अप्रैल 2021 को मेरी फर्म मॉडर्न आफसेट सतना द्वारा भाग लिया गया था तथा मेरी फर्म ने सभी आहर्ताएं पूरी भी की थी, टेंडर खुलने के बाद फर्म द्वारा कई बार फोन के बाद भी सीएमएचओ मेघ सिंह सागर से अनुबंध के लिए अनुरोध किया तो, उनके द्वारा अनुबंध करने से मना कर दिया गया।


न खुद कमाते हो और न कमाने देते हो
शिकायतकर्ता का आरोप है कि सीएमचओ द्वारा मुझे ऑफिस से बाहर निकाल दिया गया और कई बार गुहार लगाने के बाद 1 लाख रूपये की रिश्वत एडवांस डिमांड की गई और कहा गया कि अगर नहीं दोगे तो, मैं तुम्हें ब्लैक लिस्टेड कर दूंगा। जबकि फर्म द्वारा सभी आहर्ताएं पूरी की गई थी, फर्म स्वास्थ्य विभाग में कई जगह सफलतापूर्वक कार्य कर रही है, उनके द्वारा यह भी कहा गया, तुम लोग कम रेट डालकर टेंडर खराब करते हो, न खुद कमाते हो और न मुझे कमाने देते हो।


फुटेज उगल देंगे सच्चाई
मार्डन ऑफसेट के संचालक का आरोप है कि सीएमएचओ मेघ सिंह सागर ने कहा कि बिना पैसे के मैं अनुबंध नहीं करूंगा, जो करना है कर लो और यह कह कर 4 घंटे तक मुझे ऑफिस के बाहर बैठाया गया एवं अपशब्द कहते हुए मुझसे अभद्रता की गई, इसके प्रमाण स्वरूप सीएमएचओ चेम्बर के 10 अगस्त 2021 की दोपहर 2 बजे से 7 बजे तक की सीसीटीवी फुटेज निकाली जाए, जिससे प्रमाणित हो जाएगा।


गैरकानूनी है तरीका
शिकायतकर्ता ने शिकायत में उल्लेख किया कि मेरे द्वारा रिश्वत देने से मना करने पर मुझे 14 अगस्त को बिना कारण ब्लैक लिस्टेड होने का लेटर प्राप्त हुआ, जो कि पुरानी डेट में जारी किया गया था, जो कि 11 अगस्त को भारतीय डाग विभाग द्वारा बुक किया गया था। इसके अलावा 5 अगस्त को ही सीएमएचओ द्वारा डिजिटल साइन के द्वारा एमपी टेंडर की साइट पर फाइनल कार्यवाही लेटर अपलोड किया गया तो, फिर 06 अगस्त को ब्लैक लिस्टेड करने का तरीका सर्वथा गैरकानूनी है। 5 अगस्त को अपने अनुबंध के लिए मेल किया तो, 6 अगस्त को ब्लैक लिस्ट कैसे हो गया। इससे लगता है कि मेघ सिंह सागर की नियत साफ नहीं है, व उनकी किसी अन्य सप्लायर से सांठ-गांठ है, इस कृत्य के कारण मुझे अत्यधिक मानसिक एवं आर्थिक क्षति भी उठनी पड़ी है।


अनुपातहीन संपत्ति की हो जांच
शिकायतकर्ता फर्म संचालक के मालिक ने वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगाते हुए मांग की है कि पूरे प्रकरण की जांच कराकर फरियादी को उचित न्याय दिलवाया जाये और दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर कार्यवाही की जाए एवं सीएमएचओ मेघ सिंह सागर की अनुपातहीन संपत्ति की जांच कराई जाये।

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