Wednesday, March 19, 2025
Uncategorized छत्तीसगढ़ चेम्बर ने वस्त्रों पर GST की दर को...

छत्तीसगढ़ चेम्बर ने वस्त्रों पर GST की दर को यथावत रखने केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण को भेजा पत्र

-

रायपुर / छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि कपड़ा पर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत टैक्स लगाने के संबंध में छत्तीसगढ़ चेम्बर द्वारा केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र प्रेषित कर टैक्स यथावत 5 प्रतिशत रखने हेतु निवेदन किया गया है।

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि कपड़ा पर टैक्स बढ़ाने के सरकार के फैसले से पूरा कपड़ा व्यापार और उद्योग सदमे में है, जो कृषि के बाद दूसरी सबसे बड़ी राजस्व पैदा करने वाली वस्तु है। कपड़ा व्यापार कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ था, और अभी भी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसी परिस्थितियों में टेक्सटाइल पर टैक्स की दरों में यह बढ़ोतरी टेक्सटाइल सेक्टर में एक और बहुत बड़ा झटका देगी। भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं। कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा पर कोई कर नहीं है, आवासीय घरों पर सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है और टैक्स की दर 1ः और 5ः है। कपड़े जो कि एक बुनियादी जरूरत भी है, लेकिन कपड़ा व्यापार पर 12ः कर लगाया जाना उचित नहीं है।

श्री पारवानी ने कहा कि कई वर्षों तक कपड़ों पर कोई टैक्स नहीं लगता था। भारत भर के व्यापार संघों ने पिछली जीएसटी परिषद की बैठक के तुरंत बाद प्रतिनिधित्व किया था जिसमें कपड़ा पर ”उल्टे” (पदअमतजमक)शुल्क संरचना को ठीक करने का प्रस्ताव था। व्यापार और उद्योग द्वारा यह अनुरोध किया गया था कि यथास्थिति को 5ः की दर से बनाए रखा जाए और जहां भी लागू हो, दर 12ः से घटाकर 5ः की जाए। हालांकि, दर को 5ः तक कम करने के बजाय अधिसूचना संख्या 14/2017 दिनांक 18.11.2017 को कर की दर को 5ः से बढ़ाकर 12ः कर दिया गया है।

चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी ने कहा कि यह न केवल अंतिम उपयोगकर्ता पर वित्तीय बोझ बढ़ाएगा बल्कि छोटे व्यवसायियों को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा और कर चोरी और विभिन्न कदाचार को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही जो माल व्यवसायियों के स्टॉक में पड़ा है जब एमआरपी पर बेचा जायेगा तो उसका 7 प्रतिशत अतिरिक्त भार व्यवसायियों पर पड़ेगा। कर की दर में यह वृद्धि न केवल घरेलू व्यापार को बाधित करेगी बल्कि निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। पहले से ही कपड़ा उद्योग वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों के साथ सक्षम स्थिति में नहीं है। एक तरफ सरकार मेक इन इंडिया और आत्मानिर्भर भारत के बारे में बात करती है, दूसरी तरफ इस तरह के उच्च कर लगाने से अनिश्चितता और निराशा का माहौल पैदा होता है।

श्री पारवानी ने केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया है कि मूल्य पर किसी भी सीमा और श्रेणी के बिना 5ः की दर से एकल दर पेश की जाए और इस प्रकार जारी अधिसूचना को जिसमें कर की दर को 5ः से बढ़ाकर 12ः कर दिया गया है, कृपया इसे तत्काल वापस लिया जाए। सरकार के इस कदम से न सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि उम्मीद और निश्चितता का माहौल बनेगा। यदि कपड़ा व्यापार और उद्योग के इस अनुरोध और स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया तो पूरा उद्योग अस्तित्व के लिए संघर्ष करने की स्थिति में होगा और अंततः पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगा।

Latest news

गरियाबंद के हाथबाय जंगल में जले हुए शव के टुकड़े मिले, इलाके में सनसनी

गरियाबंद। जिले के हाथबाय जंगल में एक दिल दहला देने वाली घटना...

सीएम विष्णु देव साय का दिल्ली दौरा – राज्य हित के महत्वपूर्ण फैसलों की दिशा में ठोस कदम

रायपुर 19 मार्च 2025/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने दो दिवसीय नई दिल्ली...

सचिन पायलट ने जेल में बंद कवासी लखमा से की मुलाकात, बीजेपी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

रायपुर। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने मंगलवार को रायपुर सेंट्रल जेल...
- Advertisement -

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षक भर्ती घोटाले और महतारी सदन निर्माण पर जमकर हंगामा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र मंगलवार को काफी हंगामेदार रहा। सदन में...

छत्तीसगढ़ विधानसभा में गृहमंत्री विजय शर्मा के बयान से गरमाई सियासत

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन गृहमंत्री विजय शर्मा...

Must read

You might also likeRELATED
Recommended to you

error: Content is protected !!