Advertisement Carousel

सत्ता के शह में एकला चलो व अनिनिर्णय की स्थिति ने शहर का कबाड़ कर दिया

नैतिकता हो तो, जनता के दिक्कतों को देखते हुए महापौर को इस्तीफा देना चाहिए – मीनल चौबे

महापौर की एकला चलो की नीति, अनिश्चित कार्यप्रणाली,तानाशाही और सत्ता के घमंड ने 2 वर्ष के भीतर रायपुर नगर निगम का बुरा हाल कर दिया है ।


रायपुर / जनता की मूलभूत समस्या के समाधान से लेकर शहर के विकास तक, पिछले 2 वर्ष में उपलब्धि के नाम पर बताने के लिए इस निगम सरकार के पास कुछ भी नहीं है।


आंकड़ों की बाजीगरी में शहर को उलझा कर स्वच्छता रैंकिंग में नंबर एक बनाने का सपना दिखाने वाले महापौर आम जनता को मच्छर और धूल से मुक्त नहीं करा पा रही है। शहर में जगह-जगह बीच सड़क में यातायात बाधित कर सौन्दर्यीकरण की आड़ में अवैध निर्माण से जनता परेशान है । कोरोना महामारी से संभलने की कोशिश कर रही जनता को संपत्ति कर में चक्रवृद्धि ब्याज रोपित कर उल्टे उनकी परेशानी बढ़ा रही है। करोना महामारी के संभावित खतरे की पूर्व सूचना मिलने के बावजूद स्वास्थ्य के लिए स्थाई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के बजाय अस्थाई व्यवस्था कर जनता के लाखों रुपए बर्बाद किए जा रहे हैं। जनता के हित में लगने वाली पार्षद निधि जोनों तक नहीं पहुंच पा रही है.बूढ़ा तालाब में 7 करोड़ के फव्वारे जो अभी तक चालू नहीं हुए लगाकर बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जनता को विश्वास में लिए बिना मनमाने ढंग से यूजर चार्ज वसूलना जनता के जेब ने डाके के ही समान है।


भाटा गांव बस स्टैंड, शास्त्री बाजार, रजिस्ट्री ऑफिस, कलेक्ट्रेट सहित शहर में स्थित सारे बड़े फल व सब्जी मार्केट जो आम लोगों की सुविधाओं के लिए है वहां अवैध लोगों को प्रश्रय दे कर उसे उगाही का अड्डा बना दिया है।


शहर के हृदय स्थल गोल बाजार में जिन व्यापारियों की सुविधा के लिए व्यवस्था बनाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। आज वही व्यापारी विभिन्न मुद्दों को लेकर संशय में हैं। आज तक उन्हें ना तो योजना का कोई प्रपत्र दिया गया ना कोई जानकारी दी गई है । उल्टे उन्हें अनाप-शनाप डेवलपमेंट चार्ज वसूलने का आदेश थमा दिया गया है जिससे व्यापारी वर्ग में भय का वातावरण व्याप्त है।


हद तो तब हो जा रही है जब सेवानिवृत्त के बाद भी नगर निगम के सैकड़ों कर्मचारी ग्रेच्युटी और पेंशन की राशि के लिए भटक रहे हैं और उनका परिवार परेशान हो रहा है.समस्याओं के समाधान के लिए महापौर को आगे आना चाहिए मगर वे सत्ता के अहंकार में मदमस्त है।


भाजपा पार्षद दल नगर निगम में व्याप्त अव्यवस्थाओं के लिए महापौर एजाज ढेबर को दोषी मानती है और उनसे शहर के व्यवस्था ना संभाल पाने के कारण नैतिकता के नाते इस्तीफे की मांग करती है।

error: Content is protected !!