कोरिया / आज छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में बतौर वित्त मंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी सौगात दी है, उन्होंने कर्मचारी जगत की वर्षो पुरानी मांग पुरानी पेंशन को फिर से लागू करने की घोषणा की जिसके बाद कर्मचारी जगत में खुशी की लहर है, कर्मचारियों ने इस घोषणा पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। कलेक्टोरेट परिसर में कोषालय कर्मचारियों ने इस घोषणा पर जश्न मनाते हुए मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दिया और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस दौरान कोषालय संघ कोरिया के अध्यक्ष राहुल मिश्रा के नेतृत्व में एटीओ ओंकार साय, सुनील कुमार, एसटीओ आशिशेक विलियम, अनिरुद्ध शर्मा, जी आर ध्रुव, के के यादव, वीरेंद्र पटेल, अनुराग सोनी,भगवानी ठाकुर, श्यामबिहारी साहू, रश्मि लकड़ा, शारदा पोर्ते, दीपेश साहू, सुमित उपगढे,भगवानी ठाकुर, रामनेवाज, शिव पाल,सूर्य प्रताप, विलसन किंडो, सितालो भगत, गीता समेत कोषालय के समस्त स्टाफ शामिल थे।
प्रस्तुत बजट में मुख्यमंत्री द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कोषालय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राहुल मिश्रा ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने से 2004 के बाद सेवा में आए दो लाख 95 हजार से अधिक कर्मचारियों को फायदा होगा उन्होंने कहा कि 2004 के बाद शासकीय सेवा में लगे कर्मचारियों का न्यू पेंशन स्कीम वापिस लेकर ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करना एक क्रांतिकारी कदम है। यह कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांग थी इस घोषणा से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद न केवल सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी बल्कि उन्हें पूर्ण समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे अच्छा प्रदर्शन और सुशासन मिलेगा। कोषालय संघ के अध्यक्ष ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों और उनके परिवारों के हित में है।
ज्ञात हो कि 2004 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने देशभर में नई पेंशन योजना लागू की थी। इसके तहत कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह 10 प्रतिशत कटौती कर सेवानिवृत्ति पर यह रकम एकमुश्त देने का प्रविधान किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा भत्ता और पारिवारिक पेंशन को बंद कर दिया गया था। पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति पर अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत राशि कर्मचारियों को मिलती थी। पेंशन की राशि सरकार वहन करती थी। पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं होती थी। सेवाकाल में कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रितों को पारिवारिक पेंशन और नौकरी का प्रविधान था। पुरानी पेंशन लागू करने पर पूरे कर्मचारी जगत में खुशी का लहर है और सभी ने इसके लिए राज्य के मुखिया के प्रति आभार व्यक्त किया है।