कांकेर / सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर लोगों से मोटी रकम वसूलने वाले एक व्यक्ति को कांकेर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित स्वयं को आइबी अधिकारी बताकर लोगों को झांसे में लेता था। साल भर तक लोगों को मूर्ख बनाने वाले कोंडागांव, फरसगांव के आरोपित दीपेंद्र नाग ने कांकेर जिले में ही 10 लाख रुपये की ठगी की है।
बुधवार को पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। सरोना निवासी महिला वीणावाणी जैन ने एफआइआर में बताया कि साल 2017-2018 मे दीपेंद्र नाग किसी परिचित के माध्यम से उसके घर पहुंचा था। वहां उसने खुद का सरनेम तिवारी और गरियाबंद का निवासी बताया था। दीपेंद्र ने महिला को झांसा दिया कि वह खुफिया विभाग में अधिकारी है और कांकेर में पदस्थ है। उसने 2012 में कई लोगों की नौकरी लगवाई है।
उसने महिला व उसके पति को झांसा दिया और पुलिस विभाग में नौकरी लगवाने की बात कही। फिर महिला ने जनवरी 2018 में डेढ़ लाख रुपये ले लिए। कुछ महीने बाद डेढ़ लाख और मांगे तो जून 2018 में महिला ने फिर दे दिए। इसके बाद भी नौकरी नहीं लगी। जब रुपये मांगे तो वह टाल-मटोल करने लगा। सरोना की वीणावाणी को ठगने के साथ ही फरसगांव निवासी उनकी बहन कविता पांडेय और देवरानी ममता जैन को भी खुफिया विभाग में चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपए लिए। इसके अलावा एक परिचित चारामा निवासी सुमन सिन्हा को पुलिस में एएसआइ बनाने की बात कहकर छह लाख मांगे और पहली किश्त के तीन लाख रुपये ले लिए। करिहा चारामा के वेद नारायण से भी 2.5 लाख रुपये ठगी की। रानीतरई निवासी एएसआइ दयालुराम बंदे के बेटे केवल बंदे की नौकरी लगाने के नाम पांच लाख रुपये ठगी की। लिए। इसी तरह रानीतरई निवासी मिनेश चतुर्वेदी और कुंदन कुमार से भी पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पांच पांच लाख की ठगी की। पुलिस का मानना है कि इसकी ठगी का जाल और भी जिलों में फैला हो सकता है। आरोपित से पूछताछ की जा रही है।