सरगुजा संभाग में पदस्थ भारतीय रेलवे यातायात सेवा के युवा अधिकारी की संदेहास्पद मौत हो गई है. IRTS अधिकारी की मौत रेलवे ट्रैक में काम के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से हुई है. जिसके बाद परिजनों ने इस हादसे और मौत का ज़िम्मेदार बिलासपुर रेलवे डिविजन के बड़े अधिकारियों को ठहराया है. इधर इस हादसे के बाद दिवंगत रेल अधिकारी के परिजनों और मित्रों में काफी नाराजगी है और उन्होंने हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.
योगेन्द्र भाटी 2018 यूपीएससी बैच में सलेक्ट होकर आए और आईआरटीएस अधिकारी बने थे. वो राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले थे. योगेन्द्र भाटी की शादी पिछले ही महीने 2018 बैच की IRTS अधिकारी वर्षा से हुई थी. जो मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे डिविजन में पदस्थ हैं. जबकि योगेन्द्र सिंह भाटी पिछले एक साल से बैकुंठपुर में पोस्टेड थे.
बिलासपुर कटनी रेलमार्ग पर गुरुवार को नान इंटरलॉकिंग का काम चल रहा था. इस दौरान युवा अधिकारी योगेन्द्र सिंह भाटी की मौजूदगी में करीब 150 से ज़्यादा इंजीनियर, अधिकारी और मजदूर इंटरलॉकिंग के काम में लगे हुए थे. तभी योगेन्द्र भाटी बुढ़ार स्टेशन से रवाना हुई पेंसेजर की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.
ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि जिस लाइन में मरम्मत का काम चल रहा था. आखिर पैसेंजर ट्रेन उस ट्रैक से रवाना कैसे कर दी गई? और रवाना की तो फिर इतनी संख्या में मौजूद अधिकारी कर्मचारी क्या उनके ट्रेन की चपेट में आने का इंतजार कर रहे थे? क्या मौके पर मौजूद लोग उनको पैसेंजर ट्रेन की चपेट से नहीं बचा सकते थे?
